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अब शिक्षण कार्य ही करेंगे शिक्षक:- परिषदीय स्कूलों में यूनिफॉर्म, जूते, मोजे वितरण से भी शिक्षकों को मिलेगा छुटकारा

 अब शिक्षण कार्य ही करेंगे शिक्षक:- परिषदीय स्कूलों में यूनिफॉर्म, जूते, मोजे वितरण से भी शिक्षकों को मिलेगा छुटकारा

बिजनौर। परिषदीय स्कूल जल्दी ही बदले बदले दिखाई देंगे। शासन ने इसका खाका तैयार कर लिया है। यूनिफॉर्म, जूते, मोजे, वितरण जैसे कार्य से शिक्षकों को छुटकारा मिलेगा। बेहतर शिक्षण कराने वाले शिक्षक सम्मानित होंगे। स्कूलों से नदारद रहने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कसा कसा जाएगा।
परिषदीय प्राइमरी, उच्च प्राइमरी विद्यालय की सूरत बदलने के लिए युद्ध स्तर पर मिशन कायाकल्प चल रहा है। इसके लिए स्कूलों में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। बच्चों की बैठक व्यवस्था के लिए फर्नीचर, मल्टीपल हैंडवॉश, सभी विद्यालयों में शौचालय, पेयजल, विद्युतीकरण सहित 14 पैरामीटर पर कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। जिले में ढाई हजार परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें 1369 स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था हो चुकी है। 31 मार्च तक सभी विद्यालय में फर्नीचर की व्यवस्था पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।


गैर शैक्षणिक कार्यों में भी शिक्षकों को अलग रखा जाएगा। शासन ने आगामी शिक्षा सत्र में बच्चों को यूनिफॉर्म वितरण, जूते, मोजे वितरण जैसे कार्यों से मुक्त करने की कार्य योजना तैयार कर ली है। इसकी धनराशि अब सीधे छात्रों या उनके अभिभावकों के खातों में हस्तांतरित की जाएगी। अभी तक यह धनराशि विद्यालय के शिक्षकों व विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष के खातों में हस्तांतरित होती रही है। आए दिन यूनिफॉर्म में घटिया क्वालिटी व जूते, मोजे भी घटिया क्वालिटी के होने की बात सामने आती रही है। अब शासन ने शिक्षकों को सीधे शिक्षण कार्य में लगाए रखने का मन बना लिया है, ताकि शिक्षक 2022 तक प्रेरणा उद्देश्यों को पूरा कर सकें। आगामी शिक्षा सत्र में स्कूलों से नदारद रहने वाले शिक्षकों की भी खैर नहीं होगी। इसके भी दिशा निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए गए हैं।

बीएससए महेश चंद्र ने बताया कि मिशन कायाकल्प के तहत कार्य पूरे होने के उपरांत स्कूलों में निरीक्षण के दौरान शिक्षण कार्य को परखा जाएगा। स्कूलों से नदारद रहने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यूनिफॉर्म, जूते, मोजे आदि के वितरण से जल्दी ही शिक्षकों को छुटकारा मिलेगा।

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