बच्चों को 'ए'-'बी' ग्रेड में लाने की तैयारी, नई योजना के लिए शिक्षकों का किया जा रहा उन्मुखीकरण
बच्चों को 'ए'-'बी' ग्रेड में लाने की तैयारी, नई योजना के लिए शिक्षकों का किया जा रहा उन्मुखीकरण
बरेली:- बेसिक शिक्षा विभाग अब गुणवत्ता पूर्ण पढ़ाई पर अधिक ध्यान दे रहा है। शासन से भी लगातार योजनाएं बनाई जा रही हैं तो निचले स्तर पर भी कई एसआरजी, एआरपी, शिक्षक योजनाओं से अतिरिक्त कार्य करके खुद और जिले को प्रेरक बनाने में जुटे हैं। हाल ही में एसआरजी अनिल चौबे ने ज्ञानोत्सव, शिक्षा चौपाल आदि कार्यक्रम पर और प्रभावी तरीके से कार्य कराने के लिए सभी संकुल शिक्षकों का उन्मुखीकरण कर रहे हैं। कोशिश है कि 100 दिनों की रेमिडियल कक्षाओं के बाद बच्चे 'ए' और 'बी' ग्रेड में आ जाएं।
एसआरजी अनिल चौबे बताते हैं कि उन्होंने बीएसए विनय कुमार से इसके लिए एक अतिरिक्त परमिशन मांगी थी। उन्होंने कहा था कि वह शासन के सभी कार्यों के लिए और प्रभावी तरीके से करना चाहते हैं। परमिशन मिलने के बाद उन्होंने सबसे पहले भुता और आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक से इस कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने सभी संकुल शिक्षकों को एकत्र कर मीटिंग की और बताया कि स्कूल को प्रेरक बनाने के लिए शिक्षकों को अतिरिक्त मेहनत करनी होगी।
सभी शिक्षक अभिभावकों को प्रेरणा लक्ष्य, सूची एवं तालिका बताएं। उन्हें सेट परीक्षा के बारे में जानकारी दें। उन्हे यह भी बताएं कि यदि बच्चे ने विद्यालय एक दिन छूटता है तो उसकी पूरी शिक्षा पर गंभीर प्रभाव हो सकते हैं। लर्निंग गैप बढ़ सकता है। जिसकी भरपाई आसानी से नहीं होगी। इस पर कार्यक्रम में मौजूद बीएसए ने भी संकुल शिक्षकों को जानकारी देते हुए कहा कि 100 दिनों की कक्षाओं के बाद बच्चों को ए और बी ग्रेड में ही लाना है। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक अपने कार्यों का मूल्यांकन करें जिससे खुद को और बेहतर बनाने के आइडिया मिलें।
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