बेसिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक ‘ई-लर्निंग’ का मिला अनूठा विकल्प: ’डिजिटल लाइब्रेरी, वाट्सएप ग्रुप व टीवी पर चली क्लास
बेसिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक ‘ई-लर्निंग’ का मिला अनूठा विकल्प: ’डिजिटल लाइब्रेरी, वाट्सएप ग्रुप व टीवी पर चली क्लास
प्रदेश में कोरोना से बचने के लिए घर की दहलीज लांघने पर लगी पाबंदी के बीच ई-लर्निंग की अनूठी गंगा बही। लाकडाउन में बेसिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक के विद्यार्थियों को घर बैठे आनलाइन पढ़ाई के तमाम विकल्प दिए गए। डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की गई, शिक्षकों ने वाट्सएप ग्रुप बनाए और टीवी पर स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से कक्षाएं पढ़ाई गईं। विद्यार्थियों का कोर्स पिछड़ने नहीं दिया गया और बेहतर ढंग से ज्ञानवर्धन की कोशिश की गई।
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के निर्देश पर लाकडाउन लगते ही उच्च शिक्षा विभाग ने ई कंटेंट पोर्टल बनाया और इस पर करीब डेढ़ लाख ई कंटेंट विभिन्न विश्वविद्यालय व कालेजों के शिक्षकों की मदद से अपलोड किए। स्नातक व परास्नातक के विद्यार्थियों को घर बैठे सभी विषयों के नोट्स आनलाइन उपलब्ध कराए गए। इस पोर्टल को सभी विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों की वेबसाइट से लिंक किया गया। 1.55 लाख शिक्षकों द्वारा ई कंटेंट तैयार किए गए। उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की गई और अब तक इस पर भी लगभग 134 विषयों के 75 हजार से ज्यादा ई कंटेंट अपलोड किए जा चुके हैं। आइआइटी खड्गपुर की नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी से एमओयू कर और बेहतर ई कंटेंट उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने वाट्सएप वचरुअल क्लास शुरू की। बीते 20 अप्रैल 2020 को सरकारी माध्यमिक स्कूलों में वाट्सएप ग्रुप बनाकर कक्षाएं पढ़ाना शुरू की गईं और करीब 45 लाख से अधिक विद्यार्थी इससे लाभान्वित हुए। वहीं दूरदर्शन पर स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से कक्षा नौ और कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों की पढ़ाई कराई गई। यही नहीं शिक्षकों ने पाठ्यक्रम के अनुसार आनलाइन शिक्षण सामग्री तैयार की और वीडियो लेक्चर तैयार कराए गए। माध्यमिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर इसे अपलोड किया गया। निजी स्कूलों में गूगल मीट व माइक्रोसॉफ्ट टीम की मदद से आनलाइन इंटरेक्टिव क्लासेज संचालित की। बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को डेढ़ लाख वाट्सएप ग्रुप बनाकर शिक्षकों ने पढ़ाई कराई। घर बैठे पढ़ाई कराने के नए रास्ते खोजे गए।
’विद्यार्थियों को घर बैठे मिला पढ़ाई का बेहतर विकल्प
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