कोरोना के मद्देनजर आठवीं तक के स्कूल न खोलने की अर्जी दाखिल, सरकार से जवाब-तलब
कोरोना के मद्देनजर आठवीं तक के स्कूल न खोलने की अर्जी दाखिल, सरकार से जवाब-तलब
कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चिकित्सा विशेषज्ञों की अनुमति मिलने तक आठवीं तक के स्कूल न खोलने की गुजारिश वाली अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दाखिल की गई। न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ के समक्ष इसी मामले में पहले से दायर जनहित याचिका में इस अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। पहले कोर्ट ने कक्षा 1 से 8 तक के प्राथमिक स्कूल खोलने के खिलाफ दायर पीआईएल पर राज्य सरकार से जवाब-तलब किया था।
कोर्ट ने प्राथमिक स्कूल खोलने के खिलाफ दायर पीआईएल पर 19 फरवरी को सरकारी वकील से पूछा था कि स्कूलों में कोरोना से बचाव के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने क्या किया। साथ ही सरकार 10 दिन में यह भी बताए, अगर किसी स्कूल में दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने यह आदेश स्थानीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव की याचिका पर दिया था।
याची के वकील ज्योतिरेश पांडेय का कहना था कि बगैर समुचित इंतजाम के प्राइमरी स्कूल खोलने से बच्चों व शिक्षकों को कोरोना से जान का खतरा हो सकता है। क्योंकि कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। इस संबंध में याची ने लखनऊ समेत देश-प्रदेश की कई घटनाओं का उदाहरण भी दिया था। याचिका में स्कूल खोलने संबंधी यूपी सरकार 5 व 6 फरवरी के आदेशों पर रोक लगाने की गुजारिश की थी।
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