म्युचूअल ट्रांसफर के बाद कार्यालय के बाबू बन गए गुरुजी, नहीं मिला अब तक स्कूल
म्युचूअल ट्रांसफर के बाद कार्यालय के बाबू बन गए गुरुजी, नहीं मिला अब तक स्कूल
चंदौली। म्युचूअल ट्रांसफर प्रणाली के तहत गैर जनपदों से स्थानांतरित होकर जिलों में आए शिक्षकों को एक माह बाद भी स्कूल आवंटित नहीं हो सके हैं। उन्हें रोजाना बीएसए दफ्तर में आकर हाजिरी लगानी पड़ रही है और कार्यालय का काम करना पड़ रहा। वहीं शासन स्तर से ढुलमुल नीतियों के कारण प्रदेश के लगभग तीन हजार शिक्षक बिना पढ़ाए ही वेतन उठा रहे हैं। एक माह से उन्हें यह कहा जा रहा कि विभाग स्कूलों में पद चिह्नित कर रहा है। यह स्थिति चंदौली की ही नहीं, बल्कि प्रदेश के सभी जिलों की है।
शासन की अनुमति के बाद जनवरी में लगभग तीन हजार शिक्षकों का अंतरजनपदीय स्थानांतरण हुआ। इस दौरान जिले में नौकरी करने वाले 93 शिक्षक वाराणसी समेत आसपास के जिलों में ट्रांसफर हुए। वहीं गैर जनपदों से स्थानांतरित होकर इतने ही शिक्षक जिले में आए। शिक्षा विभाग की ओर से बीएसए दफ्तर में उनकी ज्वाइनिंग कराई गई। हालांकि अभी तक स्कूल का आवंटन नहीं किया गया। शिक्षकों को रोज बीएसए दफ्तर में पहुंचकर हाजिरी लगानी पड़ रही है। शिक्षक अब बीएसए दफ्तर के बाबुओं के यहां चक्कर काट रहे हैं। यह समस्या चंदौली की ही नहीं है, बल्कि प्रदेश के सभी जिलों की है। बहरहाल, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार शासन स्तर से विद्यालयों में रिक्तियों की सूची अभी तैयार की जा रही है। शासन से निर्देश प्राप्त होने के बाद स्कूलों का आवंटन किया जाएगा। स्थानीय स्तर से कुछ भी नहीं होगा। उधर शिक्षकों का कहना है कि जिले के जितने शिक्षक गैरजनपद गए, उतने ही स्थानांतरण के बाद यहां आए हैं। ऐसे में रिक्तियों की सूची तैयार कराने और आनलाइन स्कूलों के आवंटन की प्रक्रिया अव्यवहारिक है। इस पर रोक लगाते हुए तत्काल स्कूल आवंटित किए जाने चाहिए।
शासन के निर्देशानुसार आनलाइन तरीके से स्कूलों का आवंटन किया जाएगा
गैर जनपदों से 93 शिक्षक स्थानांतरित होकर जिले में आए हैं। शिक्षकों की दफ्तर में ज्वाइनिंग कराई गई है। यहीं हाजिरी भी लग रही है। शासन स्तर पर विद्यालय में रिक्तियों की सूची तैयार की जा रही है। शासन के निर्देशानुसार आनलाइन तरीके से स्कूलों का आवंटन किया जाएगा।
- भोलेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए
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