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बदले नियम:- प्रमाण पत्र अपलोड न करने वाले शिक्षकों की होगी जांच, ऑनलाइन अवकाश व स्कूलों के निरीक्षण के दिए निर्देश

 बदले नियम:- प्रमाण पत्र अपलोड न करने वाले शिक्षकों की होगी जांच, ऑनलाइन अवकाश व स्कूलों के निरीक्षण के दिए निर्देश

पीलीभीत: बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से सेवा का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है। शिक्षकों को सभी शैक्षिक प्रमाण पत्र मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करने के आदेश कई बार दिए जा चुके हैं लेकिन कई शिक्षकों द्वारा शासन के आदेश में लापरवाही बरती जा रही है। विभागीय उच्चाधिकारियों ने प्रमाण अपलोड करने में शिथिलता बरत रहे शिक्षकों की सूची तैयार कर शासन को भेजने के आदेश दिए हैं। ऐसे शिक्षकों की संदिग्धता के आधार पर एसटीएफ से जांच कराने की तैयारी चल रही है।


बुधवार को राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर मानव संपदा पोर्टल के रिकॉर्ड की समीक्षा की। इस दौरान जिला समन्वयक प्रशांत गंगवार द्वारा बताया गया कि 620 शिक्षकों द्वारा शैक्षिक प्रमाण पत्र मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए हैं। इसमें 69000 शिक्षक भर्ती, अंतर जनपदीय स्थानांतरण व पहले से जनपद में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाएं सम्मिलित हैं। राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने प्रमाण पत्र अपलोड करने के लिए आगामी पांच दिन का समय देते हुए कहा कि इसके उपरांत शेष सभी शिक्षकों की सूची तैयार कराकर शासन को भेजी जाए। इन सभी शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच कराने की कार्रवाई शुरू कराई जाएगी। इसके साथ ही ऐसे सभी शिक्षकों का वेतन रोकने के भी निर्देश दिए।

मार्च में छूटे विद्यालयों का कर लें निरीक्षण: महानिदेशक ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों के निरीक्षण के लिए सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को ऐसे विद्यालयों की सूची उपलब्ध कराई जाए जिनका अभी तक निरीक्षण नहीं हुआ है। ऐसे सभी विद्यालयों का निरीक्षण संबंधित अधिकारी द्वारा 31 मार्च तक पूर्ण कर लिया जाए।

’>>सूची बनाकर शासन को भेजने की विभाग की ओर से तैयारी

’>>ऑनलाइन अवकाश व स्कूलों के निरीक्षण के दिए निर्देश

सभी अवकाश आनलाइन दर्ज कराए जाएं

स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को ऑनलाइन अवकाश ही स्वीकृत करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि कई बार निर्देश देने के बाद भी ऑफलाइन अवकाश की प्रक्रिया रुक नहीं रही है। आकस्मिक, मातृत्व, बाल्य देखभाल आदि सभी अवकाश ऑनलाइन माध्यम से ही लिए जाएं। इसमें लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों व बीईओ के विरुद्ध कार्रवाई तय की जाए।

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