शिक्षकों के सामने गुम हुई शारीरिक दूरी
शिक्षकों के सामने गुम हुई शारीरिक दूरी
लखनऊ : जूनियर विद्यालयों में दूसरे दिन ही कोविड-19 प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ने लगीं। सआदतगंज प्राथमिक विद्यालय में कक्षा दो और चार के बच्चे बिना मास्क के पहुंचे और शिक्षकों के सामने एक-दूसरे से सटकर बैठे रहे। इसके अलावा कई अन्य विद्यालयों में भी शारीरिक दूरी समेत अन्य कोविड-19 प्रोटोकाल का उल्लंघन हुआ। वहीं, कुंडरी रकाबगंज स्थित जूनियर हाईस्कूल को समय से पहले ही बंद कर शिक्षक चलते बने।
सआदतगंज प्राथमिक विद्यालय में मंगलवार को जूनियर सेक्शन में कक्षा दो और चार के बच्चे पहुंचे। उन्हें अलग-अगल कमरों में बिठाया गया। बच्चे टाटपट्टी और सीट पर बैठे थे, पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा था। 90 फीसद बच्चों ने मास्क नहीं लगा रखा था। इंचार्ज संगीता ने बताया कि कक्षा दो में 66 बच्चे नामांकित हैं, जिसमें से 25 उपस्थित रहे। कक्षा चार में 35 बच्चे पंजीकृत हैं, जिसमें से 11 पहुंचे। वहीं, प्राथमिक विद्यालय मदेयगंज पक्का बाग में बिना तापमान की जांच के बच्चों को प्रवेश दिया गया। ठाकुरगंज के पीरनगर में कुछ व्यवस्थाएं ठीक रहीं।
समय से दो घंटे पहले बंद कर दिया विद्यालय: कुंडरी रकाबगंज जूनियर हाईस्कूल में दोपहर दो बजे ताला लगा मिला। यहां मुख्य गेट खुला था। अंदर के कक्षों में ताला लगा मिला। विद्यार्थी भी नहीं थे। छत पर कुछ लोगों को कपड़े सूख रहे थे। यहां आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि कुछ बच्चे सुबह आए थे। दो शिक्षक भी थे। एक शिक्षक 11 बजे चले गए वहीं, दूसरे शिक्षक एक बजे के आसपास विद्यालय बंद कर चले गए थे।
पहले लगाया तिलक, फिर दिया प्रवेश
प्राथमिक विद्यालय इटौंजा-एक में मंगलवार को कक्षा दो और कक्षा चार के छात्र स्कूल पहुंचे। कक्षा दो में यहां पर पंजीकृत छात्र 94 हैं, जिसमें से 10 छात्र उपस्थित थे। कक्षा चार में 57 छात्र पंजीकृत हैं, इनमें 11 उपस्थित थे। प्रधानाध्यापिका नीलिमा गुप्ता ने सभी छात्र-छात्रओं को तिलक लगाकर और हाथों को सैनिटाइज कराकर स्कूल में प्रवेश दिया।
बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर जो भी शिक्षक या प्रबंधन लापरवाही बरतेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सभी विद्यालयों को कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करना होगा। समय से पहले बंद हुए विद्यालयों की भी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।- दिनेश कुमार, बीएसए
कुंडरी रकाबगंज स्थित जूनियर हाई स्कूल जहां दो घंटे पहले ही विद्यालय बन्द कर चले गए शिक्षक।
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