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डीएलएड 2021 में प्रवेश पर लग गया कोरोना का ग्रहण, लगातार दूसरे साल भी सरकारी व निजी संस्थानों में प्रवेश मुश्किल

 डीएलएड 2021 में प्रवेश पर लग गया कोरोना का ग्रहण, लगातार दूसरे साल भी सरकारी व निजी संस्थानों में प्रवेश मुश्किल

प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) 2021 में भी प्रवेश हो पाने के आसार नहीं हैं। हालांकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय प्रस्ताव फरवरी में ही बेसिक शिक्षा निदेशक व शासन को भेज चुका है। इन दिनों जिस तरह से कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। उसे देखते हुए सभी स्कूल-कालेज व शैक्षिक संस्थान बंद हैं। ऐसे में फिलहाल इस संबंध में निर्देश जारी होने की उम्मीद नहीं है।


दो वर्षीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम डीएलएड में इस बार बड़े बदलाव की तैयारी थी साथ ही आदेश मार्च में ही जारी होना था। पंचायत चुनाव व यूपी बोर्ड परीक्षाओं का कार्यक्रम तय न होने से यह कोर्स भी लंबे समय तक लटका रहा। पाठ्यक्रम प्रदेश के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों व 3103 निजी कालेजों में संचालित हो रहा है। सरकारी संस्थानों में 10,600 व निजी कालेजों में 2,31,600 सीटें हैं। डीएलएड व अन्य पाठ्यक्रमों के साथ ही बीएड के अभ्यर्थियों को भी मौका दिया जा रहा है। शासन की मंशा है कि मेधावी ही हर पद पर चयनित हों। उप्र परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय प्रस्ताव भेजा है।

डीएलएड 2020 में प्रवेश नहीं

कोरोना संक्रमण की वजह से ही डीएलएड 2020 के लिए भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी। उस समय भी परीक्षा संस्था ने समय रहते प्रस्ताव भेजा था। संक्रमण के हालात कुछ सुधरने पर डीएलएड 2020 के लिए प्रवेश कराने की मुहिम निजी कालेजों ने शुरू की, लेकिन निर्णय नहीं हुआ। इस बार प्रवेश शुरू होना तय माना जा रहा है। लेकिन, सब उप हो गया है।


बीएड से घटा रुझान
प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में बीएड को सशर्त मान्य करने से प्रतियोगियों में डीएलएड करने का रुझान कम हुआ है। दरअसल बीएड करने से अभ्यर्थी अन्य शिक्षक भर्तियों में भी शामिल हो सकते हैं, जबकि डीएलएड से सिर्फ प्राथमिक स्कूलों की भर्ती में प्रतिभाग कर सकेंगे। इसीलिए निजी कालेजों में बड़ी संख्या में सीटें खाली रही हैं।

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