बेसिक स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं के लिए हो रहे सर्वे में अधिकारी नहीं ले रहे रुचि, जियो टैगिंग पूरी न करने वाले बीएसए के खिलाफ होगी कार्रवाई
बेसिक स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं के लिए हो रहे सर्वे में अधिकारी नहीं ले रहे रुचि, जियो टैगिंग पूरी न करने वाले बीएसए के खिलाफ होगी कार्रवाई
बेसिक स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं के लिए हो रहे सर्वे में अधिकारी नहीं ले रहे रुचि, जियो टैगिंग पूरी न करने वाले बीएसए के खिलाफ होगी कार्रवाई
सरकारी प्राइमरी स्कूलों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के लिए हो रही जियो टैगिंग को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। निश्चित समयसीमा में जियो टैगिंग पूरी न करने वाले बीएसए के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभी तक केवल सात जिलों में ही काम पूरा हो पाया है।
राज्य सरकार प्राइमरी व जूनियर स्कूलों समेत आंगनबाड़ी में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए ऑपरेशन कायाकल्प चला रही है। इसमें जो काम नहीं हुए हैं उनके लिए चालू वित्तीय वर्ष में योजना बनाई जानी है। वहीं स्कूलों के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके तहत स्कूलों में पीने का पानी, शौचायल, ब्लैक बोर्ड, टाइल्स, हैण्ड वॉश यूनिट, चारदीवारी, फर्नीचर आदि के 14 मानक तय है। इन मानकों पर स्कूलों का सर्वे कर रिपोर्ट सौंपनी है और स्कूलों का सर्वे करते हुए जियो टैगिंग करनी है। यह नहीं होने पर केन्द्र सरकार से बजट नहीं मिल पाएगा।
लेकिन अभी तक संत रविदास नगर, बलिया, हाथरस, जालौन, देवरिया, एटा व महाराजगंज में ही शतप्रतिशत सर्वे पूरा हो पाया है। वहीं चंदौली, गोण्डा, अम्बेडकरनगर, ललितपुर, हरदोई, आगरा, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, उन्नाव व मथुरा में 50 फीसदी से भी कम सर्वे हो पाया है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने कहा है कि यह स्थिति असंतोषजनक है। यदि पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता, त्रुटिरहित जियो टैगिंग का काम दो दिनों में पूरा नहीं कराया गया तो जिला समन्वयक-निर्माण, जिला समन्वयक-प्रशिक्षण और बीएसए के खिलाफ उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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