तेहपुर : पिछले कई माह के दौरान परिषदीय शिक्षकों को इतनी अधिक ट्रेनिंग दे दी गई हैं कि अब शिक्षण के दौरान इनकों लागू करना एवं इनके सबक को याद रखना काफी मुश्किल होने लगा है। नाम न छापने की शर्त पर शिक्षकों ने बताया कि इतने अधिक आनलाइन व आफलाइन प्रशिक्षण सत्रों का लगातार जारी रखना समझ से परे है। प्रशिक्षण से हासिल किए गए सबक को कक्षा में कैसे लागू किया जाए, अब इसकी चुनौती है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष मार्च में निष्ठा नामक पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की थी। बीआरसी में आयोजित हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान ही कोरोना वायरस के प्रसार के चलते प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थगित हो गया। इसके बाद विभाग ने इस प्रशिक्षण को आनलाइन मोड में करते हुए 18 माड्यूल पर आधारित कर दिया। प्रत्येक माड्यूृल तीन से चार घंटे का है। निर्धारित समय में इन 18 माड्यूल की आनलाइन ट्रेनिंग करने के बाद शिक्षकों को अन्य 25 आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को पूरा करने का दायित्व सौंपा गया। प्रत्येक प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरा करने के लिए समय भी नियत किया गया। लगभग हर हफ्ते दो प्रशिक्षण पूरा करने का लक्ष्य दिया गया। कुछ महीनों में ही दर्जनों प्रशिक्षण कार्यक्रम ज्वाइन करने के बाद शिक्षकों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि आखिर इन प्रशिक्षणों से सीखे गए सबक को शिक्षण प्रक्रिया में लागू तो करने दिया जाए।
अन्य प्रशिक्षण व यूट्यूब सत्र भी किए
विभाग ने विद्यालय नेतृत्व व समेकित शिक्षा समेत अन्य आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं। आगामी 31 मार्च तक इन ट्रेनिंग सत्रों को पूरा करने की अवधि निर्धारित की गई है। विभाग ने आनलाइन ट्रेनिंग के अलावा नियमित अंतराल पर यू ट्यूब सत्रों का भी आयोजन कर शिक्षकों को सेशन पूरे कराए।
आफलाइन ट्रेनिंग भी है जारी
मार्च आते ही आफलाइन ट्रेनिंग का दौर भी जारी है। कई ब्लॉकों में आधारशिला क्रियान्वयन, प्रिंट रिच व समृद्ध माड्यूल तथा एनसीईआरटी आधारित प्रशिक्षण सत्रों का भी दौर जारी था लेकिन होली अवकाश के चलते फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
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