परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थियों तक शैक्षिक सामग्री पहुंचाना टेढ़ी खीर, शिक्षकों को अभिभावकों से भी करना होगा संवाद तभी होगा लक्ष्य पूरा
परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थियों तक शैक्षिक सामग्री पहुंचाना टेढ़ी खीर, शिक्षकों को अभिभावकों से भी करना होगा संवाद तभी होगा लक्ष्य पूरा
प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए मिशन प्रेरणा की शुरुआत की गई है। इसमें छात्र-छात्रओं की समझ बढ़ाने के साथ शिक्षकों को भी सक्रियता बनाए रखने की हिदायत दी है। वर्तमान में मिशन प्रेरणा के तीसरे चरण में निर्देशित किया गया कि कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दें। वर्तमान परिस्थितियों में विद्याíथयों तक शैक्षिक सामग्री पहुंचाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि स्कूल शिक्षा महानिदेशक की तरफ से जारी निर्देश में कहा कि ‘घर ही बन जाएगा विद्यालय हमारा, हम चलाएंगे ई पाठशाला।’ इसी सूत्र वाक्य पर सभी अध्यापकों को कार्य करना है। प्रत्येक सप्ताह शैक्षिक सामग्री जारी की जाती है, उसे बच्चों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अध्यापकों की है। चाहे वाट्सएप ग्रुप के जरिए साझा करें या फिर भौतिक रूप से स्वयं बच्चों तक जाएं या अभिभावकों को फोनकर विद्यालय बुलाएं। अभिभावकों के पास फोन नहीं है तो पड़ोसियों की भी मदद ली जा सकती है। कुछ भी करते हुए बच्चों व अभिभावकों से संवाद बनाना जरूरी है।
’>>मिशन प्रेरणा का तीसरा चरण शुरू, ऑनलाइन पढ़ाई पर दिया जोर
’ शिक्षकों को अभिभावकों से भी करना होगा संवाद तभी होगा लक्ष्य पूरा
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