यूपी में अब तीन दिन बंदी: सीएम का निर्देश, शुक्रवार रात से मंगलवार सुबह सात बजे तक रहेगा कोरोना कफ्यरू
यूपी में अब तीन दिन बंदी: सीएम का निर्देश, शुक्रवार रात से मंगलवार सुबह सात बजे तक रहेगा कोरोना कफ्यरू
लखनऊ: कोरोना संक्रमण को काबू करने के लिए लगातार प्रयासरत सरकार धीरे-धीरे सख्ती बढ़ाती जा रही है। रात के कफ्र्यू के बाद दो दिन की साप्ताहिक बंदी लागू करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब शुक्रवार रात आठ से मंगलवार सुबह सात बजे तक यानी तीन दिन की साप्ताहिक बंदी का निर्देश दिया है।
प्रदेश में बेकाबू हो चुके कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार फिलहाल अन्य राज्यों की तरह संपूर्ण लाकडाउन तो नहीं लगाना चाह रही, लेकिन धीरे-धीरे कदम उसी तरफ बढ़ते दिख रहे हैं। गुरुवार को टीम 11 के साथ वचरुअल बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड संक्रमण से स्वस्थ होने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में हमें और सतर्कता बरतनी होगी। सभी जिलों में रात्रिकालीन कोरोना कफ्यरू और साप्ताहिक बंदी प्रभावी है। संक्रमण प्रसार को कम करने में कोरोना कफ्यरू बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। ऐसे में अब शुक्रवार रात आठ से मंगलवार सुबह सात बजे तक साप्ताहिक बंदी होगी। इस अवधि में केवल आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं ही जारी रहेंगी। औद्योगिक गतिविधियां और टीकाकरण साप्ताहिक बंदी में भी चलता रहेगा। योगी ने इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया है।
आक्सीजन और रेमडेसिविर की किल्लत के पीछे मुख्यमंत्री ने जमाखोरी-कालाबाजारी को वजह माना है। उनका कहना था कि कोविड संक्रमण की तेज दर में मरीजों की तादाद बढ़ी है। इस बार की लहर में आक्सीजन की मांग सामान्य से कई गुना अधिक बढ़ी है। इसके लिए व्यवस्था कराई जा रही है, लेकिन कुछ लोग अनावश्यक भय के कारण आक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी करने में लग गए हैं। रेमडेसिविर जैसी जीवनरक्षक मानी जा रही दवा की कालाबाजारी कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। आपदा की इस स्थिति में मुनाफाखोरी की घटनाएं शर्मनाक हैं। साथ ही निर्देश दिया कि विशेषज्ञ डाक्टरों का पैनल बनाकर लोगों को सही जानकारी दी जाए कि किसे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है, किसे रेमडेसिविर की जरूरत है और किन मरीज को आक्सीजन की अनिवार्यता है। अनावश्यक डर और अज्ञानता के कारण लोग इन आवश्यक चीजों का संग्रहण कर रहे हैं।
अब तो समझ जाइए संपादकीय।
योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
अस्पतालों का पंजीयन तीन माह के लिए बढ़ा
कोरोना संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि प्रदेश के सभी नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों की पंजीयन अवधि को तीन माह का स्वत: विस्तार दिया जाए। इस संबंध में तत्काल कार्यवाही की जाए। साथ ही कहा कि स्वास्थ्य सेवा में लगे कोरोना वारियर्स के साथ अभद्रता की कुछ घटनाएं निंदनीय हैं। स्वास्थ्यकर्मी पूरी प्रतिबद्धता के साथ हमारी-आपकी सेवा में दिन-रात लगे हैं। उनके साथ अभद्रता कतई स्वीकार नहीं की जा सकती। जिला प्रशासन ऐसी घटनाओं पर कठोरतम कार्रवाई करें। प्रत्येक दशा में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा हो।
टीके के लिए ग्लोबल टेंडर जारी करेगी सरकार
एक मई से टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू हो रहा है। योगी ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण इस महामारी से लड़ाई में बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसी व्यवस्था करें कि वैक्सीन की बर्बादी न हो। वैक्सीन सेंटर पर वही लोग आएं, जिनका टीकाकरण होना है। 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण भी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि टीकाकरण का काम सुचारू ढंग से चले, इसके लिए प्रदेश सरकार ने ग्लोबल टेंडर जारी करने का निर्णय लिया है। सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को 50-50 लाख डोज का आर्डर दिया गया है। इसके अलावा चार-पांच करोड़ डोज के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया जाएगा।
देश में 3.86 लाख नए मामले
नई दिल्ली: गुरुवार रात 12 बजे तक देश में कोरोना के 3,86,595 मामले सामने आ चुके थे। हर रोज पिछले दिन का रिकार्ड टूट रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान 3501 लोगों की मौत भी हुई, जिनमें महाराष्ट्र के 771 लोग शामिल हैं। महामारी की चपेट में आने वालों की संख्या 1,87,54,925 हो गई। मौतों का आकड़ा भी बढ़कर 2,08,313 हो गई है।
आयुष, होम्यो व यूनानी डाक्टरों की टीम बने
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुष चिकित्सकों से भी सहयोग मांगा है। करीब पांच हजार डाक्टरों की प्रतिभागिता वाले वेबिनार में योगी ने कहा कि हर जिले में आयुष, होम्यो और यूनानी डाक्टरों की टीम बनाई जाए। यह टीम तीनों चिकित्सा पद्धतियों से अपना योगदान करे। इस संघर्ष में हम सभी के सहयोग और समन्वय से सफल होंगे।
अपने सरकारी आवास को गुरुवार को वेबिनार में मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष चिकित्सक स्थानीय प्रशासन और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के साथ समन्वय बनाते हुए इस आपदा के समय जागरूकता और चिकित्सा के लिए अपनी बेहतर सेवाएं प्रदान करें। कोरोना की पहली लहर में स्वास्थ्य के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने और लोगों की इम्युनिटी बढ़ाने में हमारी परंपरागत चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञों ने बड़ा सहयोग किया। आयुष कवच एप तैयार किया गया। लोगों को छोटे-छोटे घरेलू उपायों से आरोग्यता में मदद मिली। आज फिर उसी सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोविड की पहली लहर में जब पीक था, तब 68000 केस आए। आज यह 30 से 50 गुना संक्रामक हो चुकी है। पहले 500 मरीज भर्ती होते थे, जिसमें 30-40 को आक्सीजन की जरूरत पड़ती थी। संबंधित खबर 2
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