शिक्षकों को डराने और धमकाने या अधिकारों का हनन पर दूसरे राज्य में दर्ज होगी एफआईआर, राष्ट्रीय शिक्षक अधिकार संरक्षण समिति बचाएगी शिक्षकों की साख, यह होगी प्रक्रिया
शिक्षकों को डराने और धमकाने या अधिकारों का हनन पर दूसरे राज्य में दर्ज होगी एफआईआर, राष्ट्रीय शिक्षक अधिकार संरक्षण समिति बचाएगी शिक्षकों की साख, यह होगी प्रक्रिया
अब शिक्षकों को डराने और धमकाने या अधिकारों के हनन पर सीधी एफआईआर दर्ज होगी। एफआईआर पीड़ित शिक्षक के राज्य में नहीं, बल्कि दूसरे राज्य में दर्ज की जाएगी। राष्ट्र निर्माताओं के अधिकारों की रक्षा और सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय शिक्षक अधिकार संरक्षण समिति का गठन हो चुका है जो शिक्षकों के तबादलों की धमकी देने, अपमानित करने या उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाएगी।
इस समिति में राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय सम्मान प्राप्त देशभर से 14 शिक्षकों के अलावा इलाहाबाद और मद्रास (चेन्नई) उच्च न्यायालयों के दो अधिवक्ताओं को सदस्य बनाया गया है जो कानूनी सलाह और अन्य कार्रवाई में सहयोग देंगे। समिति का एक ऑनलाइन पोर्टल होगा, जिस पर किसी भी राज्य का शिक्षक अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत समिति के मुख्यालय में दर्ज होगी। साथ ही आरोपी के खिलाफ एफआईआर भी पीड़ित शिक्षक अथवा आरोपी के राज्य में दर्ज न होकर अन्य राज्य में ही दर्ज की जाएगी।
- राष्ट्रीय शिक्षक अधिकार संरक्षण समिति बचाएगी शिक्षकों की साख
- समिति में देशभर के 15 शिक्षक और दो अधिवक्ता बनाए गए सदस्य
- देशभर से 14 शिक्षकों के अलावा अधिवक्ताओं को बनाया गया सदस्य
समिति की मुख्य कार्यकारिणी में महाराष्ट्रा के डॉ. आरएस सालुके, मध्यप्रदेश से पुष्पेंद्र राठौड़, बिहार से डॉ. बुद्घदेव मिश्रा, हरियाणा से अनिल यादव, उत्तराखंड से डॉ. डीएन भट्ट, केरला से डॉ. चिपरोनकर, आंध्रप्रदेश से ज्योति राव, जम्मू-कश्मीर से फरीदा शोघरे को शामिल किया गया है। वहीं, सिरमौर के डॉ. संजीव अत्री को हिमाचल प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया गया है। डॉ. संजीव अत्री ने बताया कि समिति शीघ्र ही हर प्रदेश के शिक्षा मंत्रियों के साथ बैठक आयोजित करेगी।
उन्होंने बताया कि समिति के अध्यक्ष डॉ. आरएस सालुके अगले माह के अंत तक हिमाचल पहुंचेंगे। समिति शिक्षकों का अपमान करने, छवि खराब करने, उन्हें बेवजह धमकाने या उनके अधिकारों का हनन करने जैसे मुद्दों पर कानूनी कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक राज्य से प्राप्त होने वाली शिकायत पर पहले राज्य प्रभारी निजी स्तर पर जांच करेंगे। इसके बाद आगामी कानूनी कार्रवाई संबंधी प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। शिक्षक समाज और राष्ट्र का महत्वपूर्ण संरचनात्मक घटक होने के बावजूद भी उन्हें तबादलों की धमकी मिलना, अपमानित करना और उन्हें सम्मान न मिलने जैसी घटनाएं सामने आती रही हैं। उन्होंने कहा कि अब शिक्षकों के सम्मान से खिलवाड़ करना आसान नहीं होगा। इसके लिए समिति का गठन हो चुका है।
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