अब सरकारी विभाग व चयन आयोग भी सूचीबद्ध कर सकेंगे भर्ती एजेंसियां
अब सरकारी विभाग व चयन आयोग भी सूचीबद्ध कर सकेंगे भर्ती एजेंसियां
प्रदेश सरकार ने सरकारी विभागों, चयन आयोगों व सरकारी संस्थाओं को भी भर्ती एजेंसियों को भी सूचीबद्ध करने की अनुमति दे दी है। इससे रुकी व नई भर्तियों के लिए नई एजेंसियों का विकल्प मिल सकेगा। विभिन्न विभागों की सरकारी नौकरियों के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन सीधी भर्ती की परीक्षाओं के लिए सेवा प्रदाता संस्थाओं को सूचीबद्ध करने की व्यवस्था है। शासन ने वर्ष 2018 में ऑनलाइन भर्तियों के लिए 7 व ऑफलाइन भर्तियों के लिए 4 सेवा प्रदाता संस्थाओं (भर्ती एजेंसियों) को चयनित कर सूची सरकारी विभागों, चयन आयोगों व सरकारी संस्थाओं को भेजी थी। ये अपनी आवश्यकतानुसार ऑफलाइन या ऑनलाइन भर्तियों के लिए ई-टेंडर के जरिए सूचीबद्ध संस्थाओं के बीच प्रतिस्पर्धात्मक दर्रे प्राप्त कर एजेंसी चयनित कर सकते हैं। जानकार बताते हैं कि ऑफलाइन भर्तियों के लिए चिह्नित चार में से तीन एजेंसियां सवालों के घेरे में हैं। सिर्फ एक एजेंसी निर्विवाद बची है। एक एजेंसी होने से बिडिंग कार्यवाही नहीं हो सकती। इससे सरकारी विभाग, चयन आयोग व सरकारी संस्थाएं भर्ती एजेंसी का चयन नहीं कर पा रहे हैं। यह मामला शासन तक पहुंचा था। भर्तियों में अनावश्यक विलंब न हो, शासन ने तत्काल एक नया आदेश कर दिया है। कहा गया है कि, सरकारी विभाग, चयन आयोग व सरकारी संस्थाएं शासन स्तर से चयनित संस्थाओं के अतिरिक्त अपने स्तर से भी खुली एवं पारदर्शी ई-निबिदा प्रक्रिया से किसी परीक्षा आयोजन संबंधी गतिविधियों/ क्रियाकलापों के लिए अन्य सेवा प्रदाता संस्थाओं को सूचीबद्ध कर सकेंगे। इस आदेश से चयन आयोगों व विभागों को अतिरिक्त भर्ती एजेंसियां सूचीबद्ध करने का अधिकार मिल गया है। अब आयोग नई एजेंसियों को सूचीबद्ध करने के बाद उपलब्ध एजेंसियों के बीच ई टेंडर के जरिए वित्तीय निविदा आमंत्रित कर परीक्षा के लिए एक या एक से अधिक एजेंसी चयनित कर सकेंगे।
यूपीएसएसएससी अब तक ऑफलाइन भर्तियां
कराता रहा है। ऑफलाइन भर्तियों के लिए
सिर्फ एक एजेंसी का विकल्प होने से बिडिंग
कार्यवाही नहीं हो पा रही थी। बताया जा रहा
है कि इसी मुश्किल से आयोग को पिछले
दिनों तीन लिखित परीक्षाओं के घोषित
कार्यक्रम स्थगित कर देने पड़े। ग्राम पंचायत
अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी ( समाज
कल्याण) व समाज कल्याण पर्यवेक्षक की
रदद भर्ती परीक्षा की नई परीक्षा की कार्यवाही
भी आगे नहीं बढ़ पा रही थी। अब आयोग इस
कार्यवाही को आगे बढ़ा सकेगा।
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