पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण में कोरोना गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन, खतरे में शिक्षक व कर्मचारी
पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण में कोरोना गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन, खतरे में शिक्षक व कर्मचारी
प्रयागराज :
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रशासन एक तरफ हॉल में होने वाले आयोजनों में अधिकतम 100 लोगों की अनुमति दे रहा है, लेकिन पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण के लिए एक ही हॉल में 300 से 400 लोगों को बैठा रहा है। हालांकि तीन प्रशिक्षण केंद्रों पर शनिवार को लोगों को एक-एक सीट छोड़कर बैठाया गया था। लेकिन हॉल में तीन से चार सौ लोगों को जुटाकर कोरोना की गाइडलाइन का अनुपालन नहीं किया गया। इस पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि दूसरी किसी भी संस्था को एक बार में 100 लोगों से अधिक के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है।
इन दिनों पंचायत चुनाव के लिए कर्मचारियों का प्रशिक्षण जारी है। प्रयाग संगीत समिति, एएमए सभागार और मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। रोज सुबह से शाम तक कुल 4800 लोगों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया जा रहा है। प्रतिदिन प्रशिक्षण पर जाने वाले तमाम कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होने की शिकायत कर रहे हैं। तमाम शिक्षकों ने भी पिछले दिनों शिकायत की थी। इसके बाद भी महामारी रोकने को प्रशासन ने जरूरी कदम नहीं उठाए।
काउंटर पर भीड़, आधा खिसका दिखा मास्क
प्रशिक्षण केंद्रों पर कर्मचारियों ने मास्क तो पहन रखा था, लेकिन मुंह और नाक अच्छी तरह से ढंककर रखने का नियम नहीं दिखाई दिया। बहुतेरों के मास्क चेहरे से नीचे दिखाई दिए।
यह भी कर सकता था प्रशासन
प्रशासन के पास अधिकार है। अगर कम समय में अधिक लोगों का प्रशिक्षण कराना था तो जिले के दूसरे विवाह घरों में भी आयोजन किया जा सकता था। तीन ही केंद्रों के कारण भीड़ ज्यादा है।
समान वेतनमान, कोई मजिस्ट्रेट कोई पीठासीन अधिकारी
समान वेतनमान पर किसी को मजिस्ट्रेट और किसी को पीठासीन अधिकारी की ड्यूटी देने से कर्मचारियों ने नाराजगी है। कुछ प्रधानाचार्यों का कहना है कि 7500 वेतनमान पाने के बाद भी उन्हें पीठासीन अधिकारी बनाया गया है, जबकि बहुतेरों को सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया गया है।
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