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सर.. हम संक्रमित हैं, चुनाव से ड्यूटी काट दीजिए, मेडिकल टीम के उड़ गए होश

 सर.. हम संक्रमित हैं, चुनाव से ड्यूटी काट दीजिए, मेडिकल टीम के उड़ गए होश

रायबरेली : सर... हम कोरोना पॉजिटिव हैं। चुनाव ड्यूटी नहीं कर सकते । दंपती का इतना कहना था कि कार्मिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करने वाली मेडिकल टीम के होश उड़ गए। यही नहीं वहां मौजूद अफसरों व अन्य कर्मचारियों को ऐसा लगा मानों पैरों तले जमीन खिसक गई हो।


यह वाकया है फीरोज गांधी डिग्री कॉलेज का, जहां त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कॉलेज के जिस कमरे का यह घटनाक्रम था वह है प्राचार्य कक्ष। इसके गेट पर करीब एक सैकड़ा कार्मिकों की कतार लगी थी। किसी के हाथ और पैर में प्लास्टर था तो कोई दूसरी बीमारियों से परेशान दिखा। दरवाजे पर दीवार बनकर खड़ी दो महिला कर्मी बारी-बारी लोगों को अंदर भेज रही थीं।

कक्ष में मौजूद मेडिकल टीम सबका परीक्षण कर यह निश्चित कर रही थी कि कौन चुनाव ड्यूटी के काबिल है और कौन नहीं। इसी बीच एक दंपती हाथों में सफेद रंग के दो लिफाफे लिए अंदर दाखिल हुए। वहां पड़ी एक कुर्सी में लिफाफे रखे और मेडिकल टीम से कहा कि हमारी पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगाई है। क्योंकि, हम कोरोना संक्रमित हैं, इसलिए यह जिम्मेदारी नहीं उठा सकते । कृपया, इस चुनाव ड्यूटी कटवा दें। इतना सुनते ही कक्ष में मौजूद हर शख्स के रोंगटे खड़े हो गए। उस दौरान विकास विभाग के एक अधिकारी भी वहां मौजूद थे। पति-पत्नी की बातें सुनकर वह वहां से उठकर तत्काल चले गए। डॉक्टरों ने दोनों को होम आइसोलेट किया। जहां दोनों खड़े थे, उस जगह को सैनिटाइज किया गया।


विकास भवन तक रहीं चर्चाएं
कोरोना संक्रमितों के आने की खबर कॉलेज के प्राचार्य कक्ष से निकलकर बाहर आई तो प्रशिक्षण लेने आए अन्य सैकड़ों कार्मिकों में खलबली मच गई। उधर, विकास भवन में भी कर्मचारी इसे लेकर दहशत में दिखे। तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं।

लिफाफों को छूने की हिम्मत नहीं जुटा सका कोई
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पति पत्नी जो दो लिफाफे लेकर आए थे, वह प्राचार्य कक्ष में ही मेडिकल टीम के सामने रखे थे। लोगों में इस कदर दहशत थी उन्हें वहां से हटाकर सुरक्षित तरीके से निस्तारित करने की जहमत किसी ने नहीं उठाई। बल्कि, उन्हीं के पास बैठी टीम अन्य कार्मिकों की जांच करती रही।

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