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अब तक देशभर के 15 बोर्ड निरस्त कर चुके हैं 10वीं कक्षा की परीक्षा, यूपी बोर्ड ने भी शासन को भेजी रिपोर्ट, जल्द फैसला आने की उम्मीद

 अब तक देशभर के 15 बोर्ड निरस्त कर चुके हैं 10वीं कक्षा की परीक्षा, यूपी बोर्ड ने भी शासन को भेजी रिपोर्ट, जल्द फैसला आने की उम्मीद

प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा को लेकर चर्चाएं जारी हैं। उपमुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा जल्द बोर्ड अफसरों के साथ तमाम पहलुओं पर चर्चा कर परीक्षा के संबंध में मुख्यमंत्री के पास प्रस्ताव भेजेंगे। इस बीच बोर्ड ने परीक्षा निरस्त करने के अलावा अन्य विकल्पों पर अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करा दी है।

कोरोना महामारी के कारण अब तक सीबीएसई और सीआईएससीई के अलावा पंजाब, उड़ीसा, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, तेलगांना, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु बोर्ड अपनी हाईस्कूल की परीक्षाएं निरस्त कर चुका है। तमिलनाडु ने तो 10वीं 12वीं दोनों ही परीक्षाएं निरस्त कर दी हैं। पंजाब बोर्ड ने आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर हाईस्कूल की निरस्त परीक्षा का परिणाम मंगलवार को जारी भी कर दिया। बिहार बोर्ड अपनी परीक्षा करा चुका है। राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, आसाम, गोवा, पश्चिम बंगाल आदि राज्य के बोर्ड ने परीक्षाएं स्थगित की है। जबकि आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, आसाम, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों ने पूर्व में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि यूपी बोर्ड छमाही और प्री बोर्ड परीक्षा के आधार पर 10वीं के लगभग 30 लाख परीक्षार्थियों को प्रोन्नत करने पर विचार करने के साथ ही अन्य विकल्पों पर मंथन कर रहा है। गुजरात बोर्ड की तरह सभी बच्चों को सीधे प्रमोट करने, स्कूल के पिछले तीन साल के रिकॉर्ड के आधार पर औसत परीक्षाफल देने या फिर इंटर के साथ हाईस्कूल परीक्षा कराने का भी विकल्प खुला है। हालांकि अंतिम निर्णय शासन को ही लेना है।

लगातार दो बार प्रोन्नति का मिलेगा तोहफा

बोर्ड ने हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं का 9वीं का रिकॉर्ड मांगा है। लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं जहां पिछले साल भी कोरोना महामारी के कारण 9वीं की परीक्षा नहीं हुई थी और शासन के आदेश के क्रम में 9 के छात्र छात्राओं को प्रोन्नत कर दिया गया था। प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने 13 अप्रैल 2020 को लॉकडाउन के कारण असाधारण परिस्थितियों एवं शैक्षणिक सत्र को नियमित किए जाने के उद्देश्य से कक्षा 6, 7, 8, 9 व 11 के सभी छात्र छात्राओं को अगली कक्षाओं में प्रोन्नत करने का आदेश दिया था। साफ है कि जो छात्र पिछले साल 9वीं में प्रोन्नत किए गए हैं उनकी लिखित परीक्षा या प्रोजेक्ट कार्य का परिणाम मिलना नामुमकिन है।

• सीबीएसई और सीआईएससीई के अलावा कई राज्यों ने लिया निर्णय

• यूपी बोर्ड ने शासन को भेजी रिपोर्ट, जल्द निर्णय के आसार

• परीक्षा निरस्त के अलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा बोर्ड

12वीं की परीक्षा को लेकर भी खींचतान शुरू

अभी 10वीं की परीक्षा को लेकर यूपी बोर्ड समेत | अन्य राज्यों के बोर्ड में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। इस बीच 12वीं की परीक्षा को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा निरस्त करने को लेकर कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर हुई थी। इसके विरोध में केरल के एक शिक्षक ने सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए इंटरवेन्शन एप्लीकेशन लगाई है कि 12वीं की परीक्षा निरस्त करना छात्र-छात्राओं के साथ गलत होगा।

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