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नवनिर्वाचित प्रधानों को अभी शपथ का इंतजार, 27 मई से पूर्व शपथ संभव

 नवनिर्वाचित प्रधानों को अभी शपथ का इंतजार, 27 मई से पूर्व शपथ संभव

लखनऊ : निर्वाचन प्रमाण पत्र मिले एक सप्ताह बीतने के बाद भी ग्राम प्रधानों का शपथ ग्रहण न होने से गांवों में उहापोह की स्थिति बनी है। कोरोना के बढ़ते कहर के कारण शपथ ग्रहण कराने से सरकार कतरा रही है। वहीं गांवों में कोरोना से मौतों का सिलसिला बढ़ने से नवनिर्वाचित प्रधानों के लिए सिर मुंडवाते ही ओले गिरना जैसे हो गए हैं।


गांवों में कोरोना संक्रमण बढ़ने का ठीकरा विपक्ष ने पंचायत चुनाव पर फोड़ा है। कोर्ट द्वारा भी पंचायत चुनाव के दौरान संक्रमण से बचाव के उचित प्रबंध न हो पाने के मुद्दे पर सरकार पर कड़ी टिप्पणी की जा चुकी है। ऐसे में प्रधानों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम व ग्राम पंचायतों की पहली बैठक पूरे प्रदेश में एक साथ कराने पर सहमति नहीं बन पाई है। माना जा रहा है कि सरकार जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुखों का चुनाव जून माह में कराने का मन बना चुकी है। सरकार शपथ ग्रहण कार्यक्रम करने का फैसला भी जल्दबाजी में नहीं लेना चाहती।

पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता कोरोना को काबू करने की है। जल्दबाजी में ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया जाना चाहिए जिससे हालात और विकट हो जाएं। ग्राम प्रधानों की शपथ व ग्राम पंचायतों की पहली बैठक कराने का फैसला जल्द लिया जाएगा।

27 मई से पूर्व शपथ संभव

ग्राम प्रधानों का शपथ ग्रहण 27 मई से पहले की करा लेने का प्रस्ताव है। ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत सदस्यों को ब्लॉक स्तर पर एक साथ शपथ दिलाने की परंपरा रही है। प्रत्येक ब्लाक में प्रधानों व ग्राम पंचायत सदस्यों के साथ शपथ कराने पर लगभग 1000 लोगों के उपस्थित होने की संभावना रहती है। ऐसे में सुरक्षित शारीरिक दूरी व अन्य प्रोटोकाल अपनाने की व्यवस्था करनी होगी। तैयारियों को लेकर आश्वस्त होने के बाद ही शपथ हो सकेगी।

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