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300 शिक्षामित्रों, अनुदेशकों की कोरोना से मौत, कोई सुनवाई नहीं

 300 शिक्षामित्रों, अनुदेशकों की कोरोना से मौत, कोई सुनवाई नहीं


पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी करने वाले जिले के सात एबं प्रदेश के लगभग 300 शिक्षामित्रों एबं अनुदेशकों की भी कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। शिक्षा मित्र संघ का कहना है कि इनके परिवारों की मदद के लिए न तो सरकार आगे आई और न ही कोई अधिकारी। संघ ने मांग की है कि पंचायत चुनाव में जान गंवाने बाले शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों की तरह मृत शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के आश्रितों को भी मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाए। उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र संघ ने कहा है कि चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से जान गंवाने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों के लिए सरकार जहां 30 लाख देने की बात कर रही है तो कोर्ट की ओर से एक करोड़ का मुआवजा देने पर विचार करने की बात कही गई है, वहीं संक्रमण की चपेट में आने बालों के परिवारों की कोई सुनने वाला नहीं है। शिक्षामित्र संघ के मुताबिक पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान लगभग एक हजार शिक्षकों के साथ 200 शिक्षामित्रों, 99 अनुदेशकों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई।



सौ से अधिक रसोइयों की गई जान:
पंचायत चुनाव में रसोहयों को भी लगाया गया था। इनमें से सौ से अधिक रसोइयों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई। शिक्षामित्र संघ के संतोष शुक्ला, अश्विनी ने प्रदेश सरकार से मुआबजा व सरकारी की मांग है।

जिले में चुनाव में जान गंवाने वाले शिक्षामित्र : 
अलवेदा बानो,कृष्ण मुरारी, ज्योति प्रकाश,मिथिलेश मिश्र, ज्योति, कुसुम मिश्रा
अनुदेशक: अलका चौहान

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