उ० प्र० सरकार ने शिक्षामित्रों के साथ पिछले 4 वर्षों से किया है सौतेला व्यवहार
उ० प्र० सरकार ने शिक्षामित्रों के साथ पिछले 4 वर्षों से किया है सौतेला व्यवहार
अलीगढ़। (दैनिक अमर स्तम्भ) भारत देश में संविदा शिक्षक/ शिक्षामित्रों को सबसे कम वेतन / मानदेय उ० प्र० में मिल रहा है। मंहगाई के दौर में शिक्षामित्रों को अपना परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। जिसकी वजह से लगभग शिक्षमित्रों के 2000 परिवार पूरी तरह से उजड़ गए हैं। शिक्षामित्रों की कोई भी सुनने वाला नहीं है। शिक्षामित्रों को बधुआ मजदूर बनाकर रख दिया है। साथियों इसके लिए शिक्षामित्रों के विभिन्न संघों के नेता भी कम जिम्मेदार नहीं है। जो पिछले 4 वर्षों से शिक्षामित्रों ऊलजलूल बातों में उलझाकर लगातार गुमराह कर रहे हैं। ऐसे नेताओं का पूर्णरूप से नजर अंदाज करना होगा कोरोना कार्यकाल हटते ही उ० प्र० में विधान सभा चुनाव की रण भेरी बज जाएगी। ऐसे में शिक्षामित्रों के विभिन संघ एक मंच पर आकर शिक्षामित्रों के लिए संघर्ष की रणनीति बनाएं और ब्लाक मुख्यालय, तहसील मुख्यालय जिला मुख्यालय व मण्डल मुख्यालय, उसके बाद लखनऊ मुख्यालय पर आंदोलन का विगुल फुकने का कार्य किया जाय। रणनीति ऐसे ठोस बनाई जाए। जिसमे प्रत्येक महिला व पुरुष शिक्षामित्र की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। जिसके तहत प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर 5 5 लोगों की कमेटी बनाकर शिक्षामित्रों के घरों पर व्यक्तिगत तौर पर जाकर आंदोलनों में अपने अपने परिवार हित में प्रतिभाग करने का आग्रह किया जाये जो संघठन इस आंदोलन में साथ नहीं देता है। उसका सभी शिक्षामित्र एक जुटता के साथ जीवन भर के लिए पूर्ण बहिष्कार करें। साथियो अब वक्त आ गया है। शिक्षा मित्रों के साथ हुए एक एक जुल्म का हिसाब लिया जाये। आंदोलनों में संकल्प पत्र की बड़ी बड़ी फ़्लेक्सी लगाई जाए। और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री व अन्य नेताओं के भाषण की ऑडियो भी चलाई जाएं। अगर आप लोग मेरी मुहिम से सहमत हैं। तो इस समाचार को प्रत्येक शिक्षामित्र तक पहुंचाया जाए और सभी शिक्षामित्रों मित्र अपनी पूर्ण सहमति दें। यह आंदोलन शिक्षामित्रों के भविष्य के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। सबसे पहले शिक्षामित्रों की एक ही माँग होनी चाहिए, सभी संघ एक मंच पर आयें। उसकेात शिक्षामित्रों की लड़ जाय। आपके संघर्षो विनय यादव प्रदेश जिलाध्यक्ष उ० प्र० दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ अलीगढ़।
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