परिषदीय बच्चों को नहीं मिल पाई किताबें कोरोना से अटक गई पढ़ाई
परिषदीय बच्चों को नहीं मिल पाई किताबें कोरोना से अटक गई पढ़ाई
कोरोना के कारण जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले साढ़े तीन लाख बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है। गत 24 मार्च से स्कूल बंद चल रहे हैं। अभी तक बच्चों को न तो कापी-किताबें मिलीं और न ही स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई के लिए ही कोई तैयारी ही शुरू हुई। ऐसे में सरकारी स्कूल के बच्चों का हौसला टूटता नजर आ रहा है। स्कूल बंद होने से इस बार भी इनका भविष्य अधर में लटक गया है।
अधिकारियों को भी नहीं मालूम, कब तक आएंगी किताबें
हर साल अप्रैल में परिषदीय स्कूलों के नए सत्र की शुरूआत हो जाती थी। पहले दिन से ही सभी बच्चे नई किताब-कापी के साथ स्कूल पहुंचते थे। इस बार भी ऐसा होने जा रहा था कि ऐन वक्त पर कोरोना के कारण सत्र शुरू होने के पहले ही स्कूलों को बंद करने का फरमान जारी हो गया। इस बार बच्चों को कब तक कापी-किताबें मिलेगी विभागीय अधिकारियों को भी इसकी जानकारी अधिकारी है। शिक्षक भी असमंजस में हैं कि यदि आनलाइन पढ़ाई को लेकर वह तैयारी भी कर लें तो बिना किताब के वह बच्चों को कैसे पढ़ाएंगे।
पिछली बार नहीं रहा था अच्छा अनुभव
पिछली बार भी इन स्कूलों में आनलाइन, वाट्सएप ग्रुप और दूरदर्शन के माध्यम से क्लासेज जरूर चली, लेकिन संसाधन की कमी के कारण आधे से भी कम बच्चे इसका लाभ उठा पाए। आधा-अधूरा ज्ञान लेकर प्रमोट हुए बच्चे जब एक बार स्कूल जाना शुरू किए तो शिक्षकाें को उन्हें समझा पाना आसान नहीं हो रहा था तभी स्कूल एक बार फिर बंद हो गए।
किताबों को लेकर अभी कोई सूचना नहीं
बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण अभी स्कूल बंद चल रहे हैं। किताबों को लेकर अभी तक कोई सूचना नहीं हैं। यदि किताबें आती हैं तो उसे शिक्षकों के जरिए अभिभावकों को बुलाकर किताबें वितरित कराईं जाएंगी।
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