ईडब्ल्यूएस के लिए हलफनामे में नहीं दी नौकरी की सूचना, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री के भाई की कोटे से नियुक्ति का मामले में सामने आई नई जानकारी
ईडब्ल्यूएस के लिए हलफनामे में नहीं दी नौकरी की सूचना, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री के भाई की कोटे से नियुक्ति का मामले में सामने आई नई जानकारी
सिद्धार्थनगर : बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी के भाई डा. अरुण द्विवेदी की अल्प आय वर्ग कोटे से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय (सिविवि) में नियुक्ति के मामले में नई जानकारी सामने आई है। डा. अरुण ने ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र बनवाने के लिए दिए गए हलफनामे में नौकरी करने का जिक्र नहीं किया था।
सिविवि में एसोसिएट प्रोफेसर के दो पदों पर नियुक्ति के लिए आठ वर्ष का अनुभव मांगा गया था। यह अनुभव असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाने या इसके समकक्ष रिसर्च एसोसिएट रहने या दोनों को मिलाकर मान्य था। डा. अरुण की नियुक्ति से साबित होता है कि वह ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र के लिए किए गए आवेदन के समय आय प्राप्त कर रहे थे। राजभवन को हुई शिकायत में भी जिक्र है कि मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई डा. अरुण ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र बनने के समय वनस्थली विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर थे। हलफनामे में यह घोषणा तो है कि उनकी वार्षिक आय आठ लाख रुपये से बहुत कम है। तय क्षेत्रफल से बड़े आवास नहीं हैं। पांच एकड़ से अधिक खेत नहीं है। क्या है और कितना है, इसका जिक्र नहीं किया गया है। इस संबंध में डा. अरुण का पक्ष लेने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। भेजे गए मैसेज का भी जवाब नहीं दिया।
प्रमाण पत्र ईडब्ल्यूएस गाइडलाइन के अनुसार लेखपाल व कानूनगो की रिपोर्ट पर जारी हुआ है। हस्ताक्षर लेखपाल छोटई प्रसाद के ही हैं। वह शायद डर के कारण बयान बदल रहे हैं। आवेदन के समय डा. अरुण वनस्थली में कार्यरत थे, शपथपत्र में इसका उल्लेख नहीं है।उत्कर्ष श्रीवास्तव, एसडीएम इटवा
झूठे शपथपत्र पर रद होगा प्रमाणपत्र
तहसीलदार अर¨वद कुमार का कहना है कि दिए गए साक्ष्य के आधार पर प्रमाणपत्र जारी हुआ था। पिता के निधन के बाद आय का आकलन मां और बेटे के नाम दर्ज संपत्ति के आधार पर होता है। संयुक्त परिवार में माता व चार भाई के हिसाब से एक व्यक्ति पर पांचवां हिस्सा आएगा। इसकी जांच कराई जाएगी। शपथपत्र मौजूद है। दस्तावेज छुपाए गए होंगे तो डा. अरुण का प्रमाणपत्र निरस्त होगा।
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