कोरोना से अनाथ अनाथ हुए बच्चों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा और मासिक वजीफा
कोरोना से अनाथ अनाथ हुए बच्चों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा और मासिक वजीफा
कोरोना महामारी के कारण देशभर में जान गंवा चुके लाखों लोगों के बच्चों की मदद के लिए केंद्र सरकार और तमाम राज्यों सरकारों ने पहल की है। हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद कोरोना महामारी के कारण अनाथ हो चुके बच्चों की मदद के लिए सरकारें आगे आईं हैं। हालांकि, कुछ राज्य सरकारों ने इस संबंध में पहले ही अपने स्तर पर वित्तीय मदद और सुविधाओं को घोषणा की थी। लेकिन अब लगभग सभी राज्यों में बच्चों की मदद के लिए कदम उठाए गए हैं। वहीं, केंद्र सरकार ने भी कई अहम घोषणाएं की हैं। साथ ही बच्चों को मौद्रिक सहायता और विभिन्न सुविधाएं देने का वादा किया है। आइए जानते हैं केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली मदद राशि और सुविधाओं के बारे में तथा किस-किस राज्य में इन मासूम बच्चों के लिए क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं।
केंद्र सरकार की घोषणा के तहत कोरोना से अनाथ बच्चों को पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत 18 साल की उम्र में मासिक सहायता राशि और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। वहीं, बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए लोन दिया जाएगा और इसका ब्याज पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा। इसके अलावा 18 वर्ष की आयु तक आयुष्मान भारत योजना के तहत 05 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा। इसका प्रीमियम पीएम केयर्स फंड की तरफ से भुगता जाएगा। साथ ही इन बच्चों की नि:शुल्क शिक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।
11.8 करोड़ बच्चों को वित्तीय सहायता
केंद्र सरकार ने मध्याह्न भोजन यानी मिड-डे-मील योजना के तहत 11.8 करोड़ छात्रों को मौद्रिक सहायता प्रत्यक्ष लाभ, डीबीटी के माध्यम से प्रदान करने की घोषणा की है। इसके तहत सभी केंद्र सरकार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लगभग 12,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि मुहैया कराएगी। इस मौद्रिक सहायता से देशभर के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक पढ़ने वाले लगभग 11.8 करोड़ बच्चों को लाभ होगा।
10 वर्ष तक के बच्चों को मिलेगी ये सुविधा
वहीं, 10 वर्ष तक के बच्चे को निकटतम केंद्रीय विद्यालय या एक निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिया जाएगा। अगर बच्चे को किसी निजी स्कूल में भर्ती कराया जाता है, तो शिक्षा के अधिकार के मानदंडों के अनुसार फीस पीएम केयर्स से दी जाएगी। स्कूल यूनिफॉर्म, पाठ्यपुस्तकों और नोटबुक पर खर्च के लिए भी पीएम-केयर्स के द्वारा ही भुगतान किया जाएगा।
11-18 वर्ष के बच्चों को मिलेगी ये सुविधा
बच्चे को केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में प्रवेश दिया जाएगा। यदि अभिभावक/दादा-दादी/विस्तृत परिवार बच्चे की देखभाल करते हैं, तो उसे निकटतम केंद्रीय विद्यालय या एक निजी स्कूल में डे स्कॉलर के छात्र के रूप में प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा, केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत ट्यूशन फीस के बराबर छात्रवृत्ति या सरकार के मानदंडों के अनुसार स्नातक / व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम शुल्क प्रदान किया जाएगा।
मदद को आगे आईं राज्य सरकारें, देंगी ये सुविधाएं
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण के चलते अपने मां-बाप को खोने वाले अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए बड़ा कदम उठाया है। ऐसे बच्चों की देखभाल करने वालों को सरकार जहां 4 हजार रुपये प्रतिमाह देगी, वहीं बालिकाओं की शादी के लिए भी एक लाख एक हजार रुपये की राशि उपलब्ध कराएगी। पढ़ने वाले बच्चों को निशुल्क लैपटाप व टैबलेट दिया जाएगा।
निराश्रित बच्चों के लालन-पालन, रहने, शिक्षा समेत अन्य सुविधाएं देने के लिए ‘उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ प्रारंभ की जाएगी। 10 साल से छोटे निराश्रित बच्चों को राजकीय बाल गृह, अवयस्क बालिकाओं को आवासीय कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में रखा जाएगा। योजना का लाभ उन सभी बच्चों को मिलेगा जिनके माता-पिता या दोनों में से किसी एक कमाऊ सदस्य की मौत 01 मार्च, 2020 के बाद कोरोना से हुई है
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