आचार संहिता के बाद पदोन्नति, तबादले और भर्तियों का इंतजार:-शासन स्तर से वार्षिक स्थानांतरण नीति पर जल्द निर्णय की जरूरत
आचार संहिता के बाद पदोन्नति, तबादले और भर्तियों का इंतजार:-शासन स्तर से वार्षिक स्थानांतरण नीति पर जल्द निर्णय की जरूरत
लखनऊ। पंचायत चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद लंबित पदोन्नतियों, रिक्त पदों को भरने के साथ वार्षिक स्थानांतरण नीति पर जल्द निर्णय की संभावना है।
प्रदेश में राज्य लोक सेवा आयोग से तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नति की संस्तुति काफी पहले आ चुकी है। लेकिन चुनाव आचार संहिता की वजह से पदोन्नति व तैनाती की कार्यवाही अटकी हुई है। अधिकारी पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। इसी तरह पीसीएस से आईएएस संवर्ग में पदोन्नति की कार्यवाही काफी समय से प्रक्रिया में है। यहां से प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को भेजा जाना है। यह प्रस्ताव भी नहीं जा पा रहा है।
इसके अलावा तबादला सत्र 2021-22 के लिए स्थानांतरण नीति पर निर्णय होना है। पिछले साल सरकार ने कोविड महामारी से उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों का हवाला देते हुए तबादला सत्र 2020-21 के लिए स्थानांतरण स्थगित कर दिया था। कोविड महामारी का संक्रमण अब भी जारी है। कई मायने में दूसरी लहर का संक्रमण ज्यादा घातक साबित हो रहा है। ऐसे में यह निर्णय जल्द से जल्द किए जाने की जरूरत बताई जा रही है कि 2021-22 में स्थानांतरण नीति के तहत तबादले होंगे या इस सत्र में भी स्थगित रखा जाएगा।
यही नहीं बड़ी संख्या में फील्ड के रिक्त पद भरने के लिए पड़े हैं। कोविड महामारी की वजह से स्वास्थ्य सेक्टर में रिक्त पदों की समस्या मुंह फैलाकर सामने आ गई है। वैकल्पिक इंतजाम करना पड़ रहा
है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पर जल्द से जल्द रिक्त पदों के लिए विज्ञापन निकालने की मांग हो रही है।
प्रशासनिक आधार पर भी तबादले लंबित
इसी तरह राजस्व परिषद के चेयरमैन सहित कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से जुड़े पदों पर नियुक्ति टल रही है। राजस्व परिषद के चेयरमैन दीपक त्रिवेदी का पिछले महीने निधन हो गया था। ब्यूरोक्रेसी की बेहद अहम यह कुर्सी पिछले एक सप्ताह से रिक्त है। इसी तरह कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का पद अतिरिक्त प्रभार पर चल रहा है। यहां भी नियमित तैनाती का इंतजार है। गाजियाबाद में आयुक्त स्तर के अधिकारी के पास जिलाधिकारी की जिम्मेदारी है। विशेष सचिव से सचिव स्तर पर पदोन्नत हुए। अधिकारी को चार महीने बीत चुके हैं। सरकार यहां पद के हिसाब से अधिकारी की तैनाती नहीं कर पा रही है। इसी तरह फील्ड के कई अन्य पद रिक्त हैं।
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