प्रदेश के शिक्षा मित्रों को नियमावली में सुधार कर पुनः स्थाई करें यूपी सरकार : अनिल यादव
प्रदेश के शिक्षा मित्रों को नियमावली में सुधार कर पुनः स्थाई करें यूपी सरकार : अनिल यादव
प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत एक लाख अड़सठ हजार शिक्षा मित्रों को उनके 21 साल के अनुभव के आधार पर नियमावली में संशोधन करते हुए उनको को पुनः सहायक अध्यापक पद पर समयोजित करे सरकार लोकप्रिय सरकार उक्त बातें आज सरकार से मांग करते हुए उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहीं।
उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने शिक्षा मित्रों से वादा किया था कि सरकार बनने के सौ दिन के अंदर शिक्षा मित्रों की समस्याओं का हल निकाल दिया जाएगा। परन्तु साढ़े चार साल वितने के बावजूद शिक्षा मित्रों की समस्याएं जस का तस बनी हुई है। उन्होंने कहा कि शासन के अधिकारियों द्वारा शिक्षा मित्रों के भविष्य को गलत सेवा नियमावली बना के चौपट कर दिया गया है, गलत नियमावली के कारण शिक्षा मित्र से शिक्षक बने एक लाख सैतीस हजार का समायोजन 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट से निरस्त हो गया, जिसके खामियाजा शिक्षा मित्र व उनका परिवार भुगत रहे हैं, समायोजन निरस्त होने से अबतक अवसाद ग्रस्त होने से दो हजार के लगभग शिक्षा मित्रों की जान चली गई हैं, और अब चुनाव आयोग के गलत निर्णय से 208 शिक्षा मित्रों की कोरोना ने अपने आगोश में ले लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के यजस्वी मुख्यमंत्री से शिक्षा मित्रों व उनके परिवारजनों को बहुत ज्यादा उम्मीद है कि वह जरूर उनके साथ इंसाफ करेंगे। उन्होंने कहा राज्य सरकार प्रदेश समस्त शिक्षा मित्रों को पुनः निययमवली में परिवर्तन करते हुए स्थायी शिक्षक का दर्जा दे जिससे 21 वर्षों से अपनी सेवा बच्चो का भविष्य बनाने में दे है शिक्षा मित्रों का भविष्य भी उज्ज्वल हो सके। उन्होंने कहा जो शिक्षा मित्र समायोजन निरस्त होने के कारण अवसादग्रस्त होकर अपनी जान गवा दिए हैं, आज उनके परिवार रोड पर आ गया है उनके सामने जीवन जीने का कुछ और साधन नहीं है। यूपी सरकार उनके आश्रितों को भी एक नोकरी देने कि कृपा करें। जिससे उनके भी परिवार जीवन जी सकें। उन्होंने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों का जिनका हाई स्कूल व इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्र 2003 के पहले के है एउनका विवरण ऑनलाइन उपलब्ध नही एजबकि शासन ने समस्त ई को स्नातक व बीएड के सत्यापन कोरोना के कारण नहीं होने पर 100 रुपये का शपथ पत्र लेकर भुगतान करने का आदेश दिया है। जिससे केवल 2003 के बाद वाले नवनियुक्त शिक्षको का जिनका हाई स्कूल व इंटर एजमज एइजब का सत्यापन विभाग ऑनलाइन कर और स्नातन व बी एड के सत्यापन लिए शपथ पत्र लेकर वेतन भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर दिया है। परन्तु जिनका हाई स्कूल व इंटर सत्र 2003 से पूर्व का वे सभी वेतन पाने से वंचित हो रहे है। शासन स्नातक व बीएड को बाध्यता खत्म करते हुए, 69 हजार में चयनित समस्त नवनियुक्त शिक्षको का किसी भी दो प्रमाण पत्रों सत्यापन पूर्ण होने पर शेष के लिए शपथ पत्र लेकर भुगतान करने का निर्देश समस्त जिला वेशिक शिक्षा अधिकारियों को दें, जिससे ब इस माहमारी के वक्त वेतन मिल सके। उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि प्रदेश के शिक्षक, शिक्षा मित्रों व मानदेय कर्मियों जिनकी चुनाव डियूटी के कारण कोरोना से जान गई है उनके लिए चुनाव आयोग के सहायता देने के नियमावली, आदेश में मानवता के आधार पर संधोधन कराए सरकार सभी कर्मचारियों के आश्रितों को सहयोग व नोकरी मिल सके किसी के साथ अन्याय न हो सके।
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