नियमों में उलझी चुनावी ड्यूटी पर मौत, चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से कर्मचारियों की मौत का मामला
नियमों में उलझी चुनावी ड्यूटी पर मौत, चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से कर्मचारियों की मौत का मामला
पडरौना। कोविड-19 के संक्रमण से कर्मचारियों की मौत को लेकर अलग-अलग दावे हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि निर्वाचन आयोग की तरफ से सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों की मौत का ब्योरा मांगा गया है, जो निर्वाचन ड्यूटी के दौरान कोविड-19 से मरे हैं और ऐसे कर्मचारी सिर्फ दो हैं, जबकि दूसरी तरफ कर्मचारियों और शिक्षकों से जुड़े संगठन मौतों की संख्या कहीं अधिक बता रहे हैं। जिला पंचायत राज अधिकारी
राघवेंद्र कुमार द्विवेदी बताते हैं कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान सिर्फ दो कर्मचारियों की कोविड से मौत हुई है। इनमें एक कर्मचारी का नाम महेशचंद तिवारी है, जो निर्वाचन कार्यालय में कंप्यूटर आपरेटर के पद पर कार्यरत थे। दूसरी मौत दिलीप कुमार की हुई है, जो ग्राम्य विकास विभाग में चौकीदार थे। इनकी मौत की कोविड से संस्तुति करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। मतदान कार्मिकों के प्रशिक्षण के अंतिम दिन ही करीब 35 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इसके अलावा शिक्षक और कर्मचारी संगठन चुनाव ड्यूटी में लगाए गए कई कार्मिकों की कोविड से मौत बता रहे हैं। भूमि संरक्षण अधिकारी डॉ. बीआर मौर्या ने बताया कि उनके विभाग में वरिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत वीरेंद्र चौधरी की पंचायत चुनाव के दौरान रिजर्व में ड्यूटी लगी थी। हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल स्थित एल-2 में भर्ती कराए गए थे। सात मई को संक्रमण की वजह से उनकी मौत हो गई थी। विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ला एवं उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के भी 21 शिक्षक व शिक्षा मित्रों की कोविड-19 के संक्रमण से मौत हुई है। इन सबकी चुनाव में डयूटी लगी थी। इनमें स्वास्तिका श्रीवास्तव, कुलविंदर जीत कौर, राजेश प्रजापति, रुक्मिणी सिंह, मोहम्मद आरिफ आजम, जितेंद्र कुमार, अली हुसैन अंसारी, सीता कुशवाहा, पार्वती प्रजापति, पंकज कुमार मिश्र, सेन गुप्ता, उमेश कुमार दूबे, मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी, सत्यनारायण प्रसा गोंड, सतीश कुमार, पूनम पटेल, रामजी नाम शामिल है।
वर्तमान समय में निर्वाचन आयोग से जो ब्योरा मांगा गया है, उसमें निर्वाचन ड्यूटी के दौरान अर्थात मतदान कराने के लिए 28 अप्रैल को घर से निकलने से लेकर मतदान कराने के बाद 29 अप्रैल को घर पहुंचने तक जिन कार्मिकों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है, उनका विवरण देना है। इसी तरह मतगणना ड्यूटी शुरू होने से लेकर समापन तक जिन कार्मिकों की मौत हुई है, उनके बारे में विवरण भेजना है। इस दरम्यान सिर्फ दो कर्मचारियों की मौत हुई है, उनका विवरण भेज दिया गया है। निर्वाचन आयोग से अभी इतनी ही गाइडलाइन आई है।
• एस. राजलिंगम, डीएम
कोविड संक्रमण के प्रति लोगों को करें जागरूक
लक्ष्मीगंज क्षेत्र के खोटहीं गांव स्थित पंचायत भवन परिसर में शनिवार को ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रयासों पर चर्चा की गई। ग्राम प्रधान रामदेव ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गांव के प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होना होगा। खांसी, बुखार आदि कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने, बाहर से घर आने वाले लोगों को चिह्नित करके कोविड जांच करने आदि के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। पूर्व प्रधान रामहरख, सेक्रेटरी सत्येंद्र सिंह, पूनम पांडेय, सरोज आदि मौजूद रहे।
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