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शिक्षा की अलख जगाने के साथ ही बेसिक शिक्षक अब पानी की एक-एक बूंद को सहेजेंगे

 शिक्षा की अलख जगाने के साथ ही बेसिक शिक्षक अब पानी की एक-एक बूंद को सहेजेंगे

मीरजापुर : शिक्षा की अलख जगाने के साथ ही शिक्षक अब पानी की एक-एक बूंद को सहेजने में मददगार साबित होंगे। इसके साथ ही भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण के लिए अब नौनिहाल भी आगे आएंगे। परिषदीय विद्यालयों में जल संरक्षण के लिए सरकार जल संचयन प्रणाली लगवाया जाएगा। साथ ही बच्चों को जल संरक्षित करने के प्रति जागरूक भी किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश भर में बेसिक शिक्षा से संचालित विद्यालयों में विशेष अभियान चलाया जाएगा।


प्रदेश भर के परिषदीय विद्यालयों में वर्षा जल संचयन प्रणाली का निर्माण किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक वर्षा के जल को संरक्षित करते हुए भूगर्भ जल के स्तर को बढ़ाया जा सके। इसके अतिरिक्त प्रत्येक विद्यालय में पेयजल के लिए स्थापित किए गए जल स्त्रोत इंडिया मार्का हैंडपंप के नजदीक आवश्यकतानुसार सोक पिट का भी निर्माण कराया जाएगा। जिससे विद्यालय में जल निकासी, जल भराव की समस्या खत्म हो सकेगी और भूगर्भ जल स्तर को भी बढ़ाया जा सकेगा। इसके बाबत महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने जिलाधिकारी को दिशा निर्देश जारी किया है। जल शक्ति अभियान के तहत भूगर्भ जल संरक्षण एवं कोविड 19 देशव्यापी महामारी के मददेनजर कदम उठाया जा रहा है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित परिषदीय विद्यालयों में ग्राम पंचायतों के माध्यम से स्वच्छता तथा भूगर्भ जल संरक्षण संबंधी आधारभूत सुविधाओं को सु²ढ़ किया जा रहा है। योजना के सुचारु रूप से क्रियान्वयन के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत उपलब्ध टाइड फंड एवं विद्यालय में मौजूद कंपोजिट स्कूल ग्रांट की निधियों का उपयोग किया जाएगा। जनपद में 1200 प्राथमिक, 208 उच्च प्राथमिक तथा 398 कंपोजिट सहित कुल 1806 विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसमें दो लाख 75 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। वर्जन


भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण निहायत ही जरूरी है। इसके लिए आम जनमानस के साथ ही बच्चों को भी जागरूक किया जा रहा है। शासन के दिशा निर्देश के अनुसार परिषदीय विद्यालयों में कार्य कराया जाएगा।
- गौतम प्रसाद, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।

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