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कर्मचारी शिक्षक संयुक्‍त मोर्चा ने एस्मा लगाए जाने की निंदा की

 कर्मचारी शिक्षक संयुक्‍त मोर्चा ने एस्मा लगाए जाने की निंदा की:-

लखनऊ। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बीपी मिश्रा और महासचिव शशि कुमार मिश्रा ने प्रदेश में एस्मा लगाए जाने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह आदेश कर्मचारियों के अधिकारों का हनन करने वाला है। प्रदेश का कर्मचारी पहले से ही लगातार छला जा रहा है। अब प्रतीकात्मक आंदोलन के बाद एस्मा लगाना पूरी तरह से सरकार की संबेदनहीनता का परिचायक है। बीपी मिश्र ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान ना देते हुए उसे आंदोलन के लिए मजबूर करती है। लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है। ऐसे समय में जबकि कर्मचारी जान जोखिम में डालकर कार्य कर रहा है तो उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए ना कि डराया जाना चाहिए। शशि मिश्र ने कहा कि सरकार ने महंगाई भत्ते की किस्तों को रोककर कर्मचारियों को दो जून की रोटी खाना भी मुश्किल कर दिया है। राज्य सरकार एस्मा लगाकर उसको पीड़ा को सुनने के बजाय उसकी जबान भी बंद कर रही है। अमीन संघ ने भी जताया विरोध : राजस्व संग्रह सीजनल अमीन कर्मचारी सेवक वेलफेयर एसोसिएशन ने भी सरकार द्वारा एस्मा लगाने का विरोध किया है। प्रदेश अध्यक्ष बीरेंद्र कुमार ने बताया कि अब तक धरना, प्रदर्शन, अनशन, देहदान, नेत्रदान, जल सत्याग्रह वे जल समाधि का भी प्रयास कर चुके हैं। हम अपनी मांग को पूरा करने के लिए एस्मा के तहत जेल भी जाने को तैयार हैं। सरकार का दमनात्मक रवैया हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।




एस्मा हटाए, समस्याओं का निस्तारण करे सरकारः सुरेश

अखिल भारतीय चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ सीएम से की अपील
लखनऊ। अखिल भारतीय चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के डिप्टौ जनरल सेक्रेटरी सुरेश सिंह यादव ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि प्रदेश सरकार को सबसे पहले एस्मा हटाकर कर्मचारियों की लंबित समस्याओं का निपटारा करना चाहिए। कोरोना काल में चुनाव और संक्रमण रोकने में अपनी-अपनी भूमिका निभाने वाले सरकारी सेवकों पर एस्मा लगाना पूरी तरह से गलत परंपरा को जन्म दे रहा सुरेश सिंह यादव ने कहा कि कर्मचारियों की भी समस्या का हल नहीं हो रहा है, जिससे पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में आक्रोश है। कोरोना काल में प्रदेश के सभी अधिकारी कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन देने का कार्य किया था। हर स्तर पर प्रदेश सरकार का राजकीय कार्य कर्मचारी ईमानदारी से निभा रहे हैं। ऐसे में कर्मचारियों की संगठनों की बात ना सुनकर बार-बार एस्मा लगाया जाना किसी भी दिशा में उचित नहीं है।

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