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आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी मिलेगा बच्चों की देखरेख का प्रशिक्षण

 आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी मिलेगा बच्चों की देखरेख का प्रशिक्षण

 कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ही आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी बच्चों की देखरेख का प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग इस बाबत रूपरेखा तैयार कर रहा है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को टीम 9 की समीक्षा बैठक में कहा कि पीआईसीयू के संचालन के लिए इंसेफलाइटिस नियंत्रण की तर्ज पर कार्य योजना बनाई जाए। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाहकार समिति ने इसकी स्थापना के लिए जरूरी उपकरण, मानव संसाधन एवं अन्य आवश्यकताओं का आकलन किया है। सीएम ने अफसरों को निर्देश दिया कि समिति से विचार-विमर्श करके तत्काल कार्यवाही शुरू की जाए। सभी जिला चिकित्सालयों व मेडिकल कॉलेजों पीडियाट्रेशियन, टेक्नीशियन व पैरमेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाए। साथ ही आशा वर्कर व आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की भी चरणबद्ध ट्रेनिंग दिलाई जाए। इससे हर स्तर पर निगरानी की जा सकेगी। विदेश से एमबीबीएस डिग्री लेने वालों की भी लगेगी कोबिड ड्यूटी : कोरोना की रोकथाम कार्य उन डॉक्टरों को भी शामिल किया जाएगा, जिन्होंने विदेश से एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद अब तक भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए अर्हता परीक्षा को उतीर्ण नहीं किया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में भारतीय चिकित्सा परिषद से मार्गदर्शन लेने को कहा है। साथ ही उन्होंने अनुभवी चिकित्सकों और सेना से सेवानिवृत्त चिकित्सकों की सेवाएं टेली कंसल्टेशन में लेने के भी निर्देश दिए।

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