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यूपी बोर्ड के फेल हुए लाखों बच्चों का क्या होगा? इनका न तो प्री बोर्ड का रिकॉर्ड और न छमाही का रिजल्ट उपलब्ध

 यूपी बोर्ड के फेल हुए लाखों बच्चों का क्या होगा? इनका न तो प्री बोर्ड का रिकॉर्ड और न छमाही का रिजल्ट उपलब्ध

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में पिछले साल फेल हो गए 4.62 लाख बच्चों को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। अधिकांश स्कूलों ने नतो प्री बोर्ड परीक्षा कराई है और न ही छमाही। यही कारण है कि बोर्ड ने 2020 में 24 मई तक हुई कक्षा 9 की परीक्षा का परिणाम मांगा था लेकिन ये 4.62 लाख छात्र-छात्राएं तो पिछले साल हाईस्कूल में थे, उनके पास कक्षा 9 का रिजल्ट 2019 का है। ऐसे में यदि बोर्ड कक्षा 9 के अंकों के आधार पर दसवीं के बच्चों को प्रोन्‍्नत करने का फैसला लेता है तो सवाल है कि इनका क्या होगा। पिछले साल 2772656 परीक्षार्थी 10वीं की परीक्षा में सम्मिलित हुए थे। इनमें से 2309802 पास हुए। कुल 462854 परीक्षार्थी उत्तीर्ण नहीं हो सके थे। इनमें से अधिकांश ने दोबारा परीक्षा का फॉर्म भरा है। बोर्ड ने ऐसे परीक्षार्थियों के लिए कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया है। अंक अपलोड करने के लिए जो पोर्टल बना है उसमें भी वर्षवार कोई ब्योरा नहीं है। यदि कोई 2018 या फिर 2017 के अंक अपलोड कर दे तो उसे चेक करने का बोर्ड के पास क्या सिस्टम है, किसी को पता नहीं। इस संबंध में बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

 दूसरे बोर्ड से एडमिशन लेने वाले छात्र भी परेशान

सीबीएसई, सीआईएससीई या फिर किसी अन्य बोर्ड के जिन छात्रों ने बोर्ड से 10वीं का फॉर्म भरा है वे
परेशान हैं | उनके यहां मार्किंग अलग है, यूपी बोर्ड में अलग।


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