परीक्षा पर संकट: नीट पीजी में शामिल हो पाने की संभावनाओं पर ब्रेक
परीक्षा पर संकट: नीट पीजी में शामिल हो पाने की संभावनाओं पर ब्रेक
लखनऊ : राज्य के विभिन्न मेडिकल कालेजों में 2016 और 2015 के एमबीबीएस छात्रों का भविष्य अधर में है। संकट के समाधान के लिए ग्लोबल एसोसिएशन आफ मेडिकल स्टूडेंट्स (गेम्स) की यूपी इकाई ने नेशनल मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखा है।
ग्लोबल एसोसिएशन आफ मेडिकल स्टूडेंट्स ने पत्र में लिखा है कि जिन एमबीबीएस छात्रों की अंतिम परीक्षाएं कोविड की वजह से समय पर आयोजित नहीं की जा सकीं। इन्हें कोविड कर्तव्यों के लिए तैनात किया गया है। मगर, जब नीट की पीजी परीक्षा होगी तो क्या अंतिम व्यावसायिक परीक्षा उत्तीर्ण करने से पहले कोविड कर्तव्य निभा रहे छात्रों को सामान्य अनिवार्य रोटेटरी इंटर्नशिप के रूप में मान्यता मिल पाएगी?
यदि ये छात्र अपनी अंतिम परीक्षा में देरी की वजह से नीट पीजी से पहले अपनी इंटर्नशिप पूरी करने में असमर्थ होते हैं तो क्या उन्हें इस परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी? अगर इन सवालों का समाधान नहीं हैं तो अंतिम व्यावसायिक परीक्षा आयोजित करने या आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर उन्हें बढ़ावा देने का निर्देश दें। ताकि एमबीबीएस के किसी भी छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।
कोविड ड्यूटी के कारण छात्रों के लिए समस्या, एसोसिएशन ने एनएमसी को लिखा पत्र
’>>शैक्षिक सत्र 2015 और 2016 के एमबीबीएस छात्रों का भविष्य अधर में
’>>ग्लोबल एसोसिएशन आफ मेडिकल स्टूडेंट्स छात्र हित में आया आगे
छात्रों की सुरक्षा व बीमा की मांगी गारंटी
एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है, जिसमें कोविड ड्यूटी में लगे छात्रों की सुरक्षा व बीमा की गारंटी देने की मांग की गई है। संगठन का कहना है कि यदि इस दौरान कोई छात्र संक्रमित होता है तो उसे तत्काल इलाज मुहैया कराया जाए। दूसरे डाक्टरों की तरह उन्हें भी सुरक्षा कवच प्रदान किए जाएं। संगठन के स्टेट प्रेसिडेंट उज्जवल मिश्र ने बताया कि उम्मीद है कि समस्याओं पर विचार किया जाएगा
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