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संक्रमण रोकने के लिए आज से गांवों में विशेष अभियान, घर-घर दस्तक देकर लक्षण वाले मरीजों की जांच करेंगी समितियां

 संक्रमण रोकने के लिए आज से गांवों में विशेष अभियान, घर-घर दस्तक देकर लक्षण वाले मरीजों की जांच करेंगी समितियां

लखनऊ: पंचायत चुनाव निपटे हैं। तेज गति से गांवों में संक्रमण फैलने की आशंकाएं सिर उठा रही हैं। इससे सतर्क होकर सरकार व्यूह रचना कर ली है। बुधवार से प्रदेश के सभी राजस्व गांवों में पांच दिवसीय विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें घर-घर दस्तक देकर लक्षण वाले मरीजों की जांच की जाएगी।


कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने तेजी से प्रदेश को अपनी चपेट में लिया है। तमाम शहरों में स्थिति काफी खराब है। सरकार इसकी रोकथाम के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके साथ ही अब गांवों के बचाव के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला सरकार ने किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि बुधवार से पांच दिवसीय अभियान शुरू किया जाए। अपर मुख्य सचिव सूचना डा. नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश के सभी 97 हजार राजस्व गांवों में निगरानी समितियां और रैपिड रेस्पांस टीमें घर-घर दस्तक देंगी। निगरानी समितियों को दस लाख मेडिसिन किट, जबकि रैपिड रेस्पांस टीमों को दस लाख एंटीजेन टेस्ट किट दी गई हैं। कुल दस लाख जांच का लक्ष्य है।

उन्होंने बताया कि टीमें पल्स आक्सीमीटर व अन्य जांचों से पता करेंगी कि किसी को कोरोना संक्रमण के लक्षण तो नहीं है। लक्षण मिलने पर मेडिसिन किट दी जाएगी। आइसोलेट कराया जाएगा। यदि जरूरत हुई तो मरीज को अस्पताल में भी भर्ती कराया जाएगा।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ही होली का त्योहार बीता। तब तमाम प्रवासी अपने गांव पहुंचे। गेहूं की कटाई के लिए भी बाहर से मजदूर गांवों में पहुंचे। पंचायत चुनावों ने भी संक्रमण फैलने की आशंका पैदा कर दी। माना जा रहा है कि सावधानी बरतते हुए ही सरकार ने विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है। मरीजों को आइसोलेट करने में भी समस्या नहीं आएगी। यदि किसी ग्रामीण के घर में व्यवस्था नहीं होगी तो सरकार पहले ही हर गांव में क्वारंटाइन सेंटर बनाने के निर्देश दे चुकी है। संबंधित खबर 7।

’>>प्रदेश के 97 हजार राजस्व गांवों में दस लाख एंटीजेन जांच का लक्ष्य

’>>घर-घर दस्तक देकर लक्षण वाले मरीजों की जांच करेंगी समितियां

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