पठन-पाठन के लिए ऑनलाइन क्लास 'ऑक्सीजन'
पठन-पाठन के लिए ऑनलाइन क्लास 'ऑक्सीजन'
वाराणसी : कोरोना काल में पठन-पाठन को पटरी पर बनाए रखने के लिए ऑनलाइन क्लास ही एक मात्र विकल्प है। ऑनलाइन क्लास पठन-पाठन के लिए ऑक्सीजन की भांति है। इसके बावजूद शासन ने ऑनलाइन क्लास पर भी रोक लगा दिया है जो उचित नहीं है। बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शासन को पुन: ऑनलाइन क्लास संचालित करने की अनुमति देनी चाहिए.
पूर्वांचल स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने ऑनलाइन क्लास संचालित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कुछ इसी प्रकार से अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि दूरस्थ शिक्षण प्रणाली पर आधारित होने के कारण ऑनलाइन क्लास कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं है। घर बैठे विद्यार्थी अपने शिक्षक से संपर्क बनाए रखने का एक सशक्त माध्यम है। इससे विद्यार्थियों का निरंतर ज्ञानवर्धन होता रहता है।
ऐसे में 10 मई से ऑनलाइन क्लास चलाने की अनुमति दी जाए ताकि ठप शिक्षा व्यवस्था को संजीवनी मिल सके। इसके अलावा पत्र में शुल्क की भी बात उठाई गई है। कहा गया है कि ऑनलाइन कक्षाएं बंद होते ही तमाम अभिभावकों ने स्कूलों की फीस रोक दी है। दूसरी ओर मई-जून का एडवांस शुल्क देने वाले तमाम अभिभावक ऑनलाइन क्लास के
बारे में पूछ रहे हैं। शुल्क के अभाव में विद्यालय प्रबंधन के सामने सबसे बड़ी समस्या शिक्षक व कर्मचारियों को वेतन देने की है जो विद्यालय देने में असमर्थ है।
यही नहीं बिजली का बिल, लोन, बीमा, ईपीएफ, ईएसआइ देना भी चुनौती है। मुख्यमंत्री को पत्र लिखने वालों में मुख्य रूप से एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. दीपक मधोक, उपाध्यक्ष राहुल सिंह, संयुक्त सचिव मुकुल पांडेय, सचिव डा. हरिओम सिंह, जगदीप मधोक शामिल हैं।
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