स्कूल लगातार छह घंटे चला रहे ऑनलाइन क्लास, बीमार हो रहे बच्चे
स्कूल लगातार छह घंटे चला रहे ऑनलाइन क्लास, बीमार हो रहे बच्चे
प्रयागराज कोरोना संक्रमण के बीच शहर के निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावक एवं बच्चे परेशान हैं। स्कूल सुबह आठ बजे से दिन में तीन बजे तक ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं। ऐसे में लगातार छह घंटे मोबाइल, लैपटॉप पर निगाह लगाए बच्चों की आंख, गर्दन और सिर में दर्द शुरू हो गया है। दिनभर की ऑनलाइन क्लास के फेर में बच्चे ठीक से सुबह का नाश्ता और दोपहर का खाना तक नहीं कर पा रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि छह घंटे लगातार पढ़ाई से मोबाइल का दिन भर का डाटा खर्च होने से बच्चों को परेशानी हो रही है। दो ऑनलाइन क्लास के बीच रखें 15 मिनट का अंतरालः अभिभावकों एवं बच्चों का कहना है कि स्कूल वालों को चाहिए कि वह हर क्लास के बीच में 15 मिनट का अंतराल रखें जिससे आंख पर मोबाइल का बुरा प्रभाव न पडे। मनोविज्ञानी डॉ. कमलेश तिवारी का कहना है कि ऑनलाइन क्लास के कारण भी बच्चों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उनके लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूनिसेफ ने इस बारे में चेतावनी जारी की है।
यूनिसेफ ने कहा कि बच्चे जब भी मोबाइल, लैपटॉप आदि का प्रयोग करें, उस दौरान घर का कोई बड़ा उनके साथ हो। ध्यान रहे कि बच्चे लगातार आधे घंटे से अधिक मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर का प्रयोग न करें।
स्कूल कम करें ऑनलाइन क्लास
कोरोना की वजह से सभी निजी स्कूलों की ओर से अप्रैल के पहले सप्ताह से ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी गई हैं। मनोविज्ञानियों का कहना है कि कोरोना को लेकर बने माहौल की वजह से पूरा समाज भय के माहौल में है। ऐसे में बच्चों को मानसिक दबाव से बचाने के लिए इस समय ऑनलाइन क्लास कम करना चाहिए। देखा यह जा रहा है। कि बच्चे बड़े हों अथवा छोटे, सभी के लिए स्कूलों की ओर से पूरे दिन
छह घंटे की ऑनलाइन क्लास चलाई जा रही है। इस दौरान छह घंटे की क्लास में बच्चों को बीच में खेलने, खाने के साथ अपने साथियों से बातचीत करने का मौका मिल जाता था। ऑनलाइन क्लास के दौरान तो बच्चों को लगातार मोबाइल पर आंख गड़ाकर पढ़ाई करनी पड़ रही है, ऐसे में बच्चे गर्दन में जकड़न सहित आँख में दर्द और जलन जैसी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इससे अभिभावकों में भय व्याप्त हो गया है।
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