फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रहे आठ शिक्षक बर्खास्त,दिव्यांग प्रमाणपत्र निरस्त, इन पर हुई कार्रवाई
फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रहे आठ शिक्षक बर्खास्त,दिव्यांग प्रमाणपत्र निरस्त, इन पर हुई कार्रवाई
सोनभद्र। फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे आठ शिक्षक बुधवार को बर्खास्त कर दिए गए। बीएचयू में हुए परीक्षण के बाद इनकी दिव्यांगता रिपोर्ट फर्जी पाई गई रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने सभी को बर्खास्त करते हुए उनके विरुद्ध केस दर्ज कराने का आदेश दिया है। वेतन के रूप में ली गई धनराशि भी वसूल की जाएगी। फर्जी शिक्षकों पर इस कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है।
दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर कई जिलों में फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी हथियाने के मामले सामने आने के बाद शासन ने वर्ष 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों के दिव्यांग प्रमाणपत्रों की जांच का निर्देश दिया था। बीएचयू में मेडिकल बोर्ड गठित कर इस कोटे से जिले में नियुक्त शिक्षकों की जांच कराई गई थी। परीक्षण में आठ शिक्षक पूरी तरह ठीक मिले। किसी ने श्रवण बाधित तो किसी ने खुद को दृष्टि बाधित बताते हुए दिव्यांगता रिपोर्ट बनवाई थी। जांच में इनकी रिपोर्ट फर्जी मिली थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने एडीएम योगेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में त्रिस्तरीय कमेटी गठित की थी। कमेटी ने विभिन्न बिंदुओं पर पड़ताल के बाद सभी आठ शिक्षकों के बर्खास्तगी की संस्तुति की। बीएसए डॉ. गोरखनाथ पटेल ने बताया कि चिकित्सकीय परीक्षण और जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आठों शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर मुकदमा दर्ज कराते हुए वेतन के रूप में लिए गए धन की रिकवरी के लिए संबंधित बीईओ को निर्देशित किया गया है।
दिव्यांग प्रमाणपत्र निरस्त, इन पर हुई कार्रवाई
प्रावि भठिहवां में तैनात सहायक अध्यापक अभिषेक सिंह, प्रावि, बैजनाथ के सहायक अध्यापक संतोष यादव, चरकोनवा के प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र मौर्य, गौरहीं की सहायक अध्यापक स्वर्णलता सिंह श्रवण बाधित थीं। बीएचयू में परीक्षण के दौरान सभी पूरी तरह ठीक पाए गए। इसी तरह दृष्टिबाधित दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे महुआंव कला के सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार देव पांडेय, उ. प्रावि गड़ौरा के सहायक अध्यापक राजेश कुमार यादव, प्रावि लक्ष्मिनपुर की सहायक अध्यापक रूचि राय और प्रावि बिसरेखी के सहायक अध्यापक राम प्रसाद में भी कोई दृष्टिदोष नहीं मिला। बीएसए ने बताया कि सीएमओ ने बीएचयू की रिपोर्ट के आधार पर सभी का दिव्यांगता प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया। त्रिस्तरीय जांच कमेटी के अध्यक्ष एडीएम योगेंद्र बहादुर सिंह के आदेश पर सभी आठ शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया।
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