यूपी बोर्ड: पहली बार सफलता के शिखर पर होंगे छात्र
यूपी बोर्ड: पहली बार सफलता के शिखर पर होंगे छात्र
कोरोना सबको दुख के सागर में नहीं डुबो रहा, बल्कि कई को मुस्कुराने का भी मौका दे रहा है। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर के परीक्षाíथयों की प्रोन्नति को ही लीजिए। वैसे तो सभी परीक्षार्थी प्रमोट हो रहे हैं लेकिन, आपदा में बड़ा अवसर छात्रों को मिला है। पहली बार शिखर पर छात्र होंगे। वजह, बोर्ड के 100 वर्षो में छात्रओं का पंजीकरण हर वर्ष छात्रों की अपेक्षा कम रहा, पर सफलता प्रतिशत हमेशा छात्रों से बेहतर रहा है। 2021 में भी छात्रओं का पंजीकरण छात्रों से कम है इसलिए कुल सफल होने वालों में छात्र ही आगे रहेंगे।
माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा परिणाम घोषित होने पर प्रदेश व जिला स्तर की टॉपर सूची में हमेशा छात्रओं का जलवा रहा है। 2020 के रिजल्ट को ही देखिए हाईस्कूल में बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 79.88 फीसद व बालिकाओं का 87.29 प्रतिशत रहा है। इंटर में बालक 68.88 फीसद उत्तीर्ण हुए तो बालिकाएं 81.96 फीसद उत्तीर्ण हुईं थी। लाडले बेटे परीक्षा के मोर्चे पर बेटियों को कभी पीछे नहीं छोड़ पाए। पिछले तीस वर्ष में हाईस्कूल में तीन बार व इंटर में दस बार बेटियों का रिजल्ट 90 फीसद से अधिक रहा है। इधर के वर्षो में भले ही हाईस्कूल के परीक्षार्थी इंटर से सफलता प्रतिशत में आगे हो गए हों पर पहले इंटर का रिजल्ट फीसद अधिक होता था। जिसमें बालिकाओं ने सफलता के झंडे गाड़े हैं।
ये परीक्षार्थी होंगे प्रोन्नत
हाईस्कूल
बालक>>16,74,022
बालिकाएं>>13,20,290
कुल>>29,94,312
इंटरमीडिएट
बालक>>14,73,771
बालिकाएं>>11,35,730
कुल>>26,09501
’>>हाईस्कूल व इंटर दोनों में छात्रओं का पंजीकरण छात्रों से कम
’>>लिखित परीक्षा होने पर हर बार मेधा के दम पर छात्रएं रहती रहीं आगे
कम रिजल्ट में भी उम्दा प्रदर्शन
यूपी बोर्ड का हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट प्रतिशत जिन वर्षो में बहुत कम होता था, तब भी बेटियों का प्रदर्शन शानदार रहा। 1992 में हाईस्कूल का रिजल्ट केवल 14.70 प्रतिशत आया, तब बालक 8.47 प्रतिशत व बालिकाएं 36.44 प्रतिशत उत्तीर्ण हुईं। 1993, 1994, 1998, 1999, 2000, 2001 से लेकर 2003 तक रिजल्ट प्रतिशत कम रहा लेकिन, बेटियों ने हार नहीं मानी। हाईस्कूल वर्ष 1999 के रिजल्ट में बेटियों व लाडलों के बीच 41.29 फीसद का फासला रहा है। बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 25.62 व बालिकाओं का 66.91 था।
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