कोरोना काल में विरोध का अड्डा बना ट्विटर: शिक्षक भर्ती, प्रमोशन, कैशलेस इलाज की उठ रही मांग
कोरोना काल में विरोध का अड्डा बना ट्विटर: शिक्षक भर्ती, प्रमोशन, कैशलेस इलाज की उठ रही मांग
महामारी में लगभग सवा साल से लॉकडाउन, कोरोना कर्फ्यू एवं अन्य प्रतिबंधों के बीच विरोध का सबसे बड़ा अड्डा ट्विटर बनकर उभरा है। सोशल मीडिया के किसी भी दूसरे प्लेटफॉर्म चाहे वह फेसबुक हो, व्हाट्सएप या इंस्टाग्राम
वगैरह, सबसे अधिक अभियान ट्विटर पर ही चल रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण ट्वीट री- ट्वीटके चलते कोई भी मुद्दा देश में टॉप ट्रेंड करने लगता है और आम आदमी से लेकर नीति नियंताओं तक का ध्यान उस ओर चला जाता है। मीडिया में भी कवरेज मिल जाती है। डीएलएड, बीटीसी, बीएड और टीईटी/सीटीईटी पास बेरोजगार नई भर्ती के लिए लगातार ट्विटर पर अभियान चला रहे हैं। मंगलवार को भी सुबह 11 बजे से परिषदीय प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए अभियान चलाया गया। डिजिटल स्ट्राइक करने वाले प्रशिक्षुओं का दावा है कि शिक्षकों के डेढ़ लाख से अधिक पद खाली होने के बावजूद सरकार विज्ञापन जारी नहीं कर रही। 26 मई को योगी रोजगार दो अभियान में एक लाख से ज्यादा ट्वीट हुए। 69000 भर्ती में आरक्षण की अनदेखी पर भी कई दिनों से ट्विटर पर अभियान चल रहा है। परिषदीय शिक्षकों ने 25 मई को केशलेस ट्रीटमेंट फॉर यूपी टीचर्स नाम से अभियान चलाया जिसे एक लाख से अधिक लोगों ने ट्वीट किया।
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