टीईटी की वैधता आजीवन होने से नौकरी की जग गई उम्मीद और प्रमोशन में भी मिलेगी आराम
टीईटी की वैधता आजीवन होने से नौकरी की जग गई उम्मीद और प्रमोशन में भी मिलेगी आराम :-
प्रयागराज । शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता अवधि आजीवन करने से हजारों उन अभ्यर्थियों में नौकरी की उम्मीद जगी है जो समयसीमा बीतने के कारण आवेदन नहीं कर पा रहे थे। यूपी टीईटी की वैधता पांच साल और सीटीईटी की सात साल है । यूपी में पहली बार 13 नवंबर 2011 को यूपी बोर्ड ने टीईटी कराई थी।
केंद्र सरकार के निर्णय से साफ हो गया है कि 2011 से अब तक सभी सफल अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र वैध हो गए हैं । इस फैसले के बाद बेरोजगार अभ्यर्थियों के अध्यापकों के भी हित में है । यदि उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के प्रमोशन में टीईटी लागू होता है तो पूर्व में सफल शिक्षकों को दोबारा से परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी। उम्र के ऐसे पड़ाव पर परीक्षा होती थी जिसमें सफल हो पाना
कठिन होता था।
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