बेसिक शिक्षा विभाग के बर्खास्त शिक्षक पर एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही बरत रही पुलिस
बेसिक शिक्षा विभाग के बर्खास्त शिक्षक पर एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही बरत रही पुलिस
देवरिया। फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे प्रधानाध्यापक के खिलाफ केस दर्ज कराने में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पुलिस की लापरवाही का सामना करना पड़ रहा है। थाने में दो-दो बार तहरीर देने के बावजूद अभी तक मामला दर्ज नहीं किया गया है। यह स्थिति तब है जब शासन की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज
कराकर उनसे रिकवरी की कार्रवाई जल्द से जल्द की जाए।
कराकर उनसे रिकवरी की कार्रवाई जल्द से जल्द की जाए।
रामपुर कारखाना क्षेत्र के गौर कोठी के प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार को बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर मई माह में बर्खास्त कर दिया था। उन पर आरोप था कि वह किसी इकबाल अहमद पुत्र हारुन रसीद के इंटरमीडिएट के अंकपत्र के आधार पर फर्जी एवं कूटरचित तरीके से नौकरी कर रहे थे। एसटीएफ एवं विभागीय जांच में उनके प्रमाणपत्र फर्जी मिलने की पुष्टि हुई थी। बार-बार नोटिस के बावजूद उन्होंने विभाग को अपना स्पष्टीकरण नहीं दिया। इसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश बीएसए संतोष कुमार राय की ओर से दिया गया। इस मामले में पूर्व के बीईओ डीएन चंद ने भी तहरीर दी थी। उनके स्थानांतरण के बाद वर्तमान में बीईओ रोहित पांडेय ने भी 18 मई को फर्जी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए तहरीर बरियारपुर थाने में दी। हालांकि, 20 दिन बाद भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आगे की कार्रवाई के लिए एफआईआर की कापी पाने के लिए थाने की लगातार दौड़ लगानी पड़ रही है, हालांकि, अभी भी उन्हें सफलता नहीं मिली है। बीईओ रोहित पांडेय ने बताया कि अभी तक एफआईआर की कॉपी तक नहीं मिली है। सभी प्रमाणपत्र एसओ को दिए गए हैं।
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