समस्या: शिक्षकों की कमी से जूझ रहे शहरी बेसिक स्कूल
समस्या: शिक्षकों की कमी से जूझ रहे शहरी बेसिक स्कूल
जिले के बेसिक स्कूलों का कायाकल्प करने के लिए स्मार्ट सिटी से लेकर विभिन्न योजनाओं से इन्हें जोड़ा गया है। ऑनलाइन शिक्षण पद्धति मिशन प्रेरणा जैसी योजनाएं भी जारी है। मगर शहर के स्कूलों को देखकर लगता है कि योजनाओं को अभी लंबा सफर तय करना है। शहर के 101 बेसिक स्कूलों में 32 ऐसे हैं, जहां एक शिक्षक है और छह ऐसे भी हैं जहां शिक्षामित्र कमान संभाले हुए हैं। नए परिसीमन के मुताबिक शहरी स्कूलों की संख्या 161 हो जाएगी। वरुणापार का हाल सबसे खराबः शहर में बेसिक स्कूलों को पांच जोन में बांटा गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो बरुणापार जोन का हाल सबसे खराब है। यहां 10 एकल स्कूल यानी एक शिक्षक के भरोसे चलने वाले स्कूल है। साथ ही शहर के छह शिक्षकविहीन स्कूलों में चार इसी जोन में हैं। इन कुल 16 स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 1260 है, जबकि इस जोन में कुल 3347 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। इस जोन के कंपोजिट विद्यालय शिवपुर में 313 विद्यार्थी हैं, इसे एकल विद्यालय बी में रखा गया है। इसके बाद दशाश्वमेघ जोन में 9 एकल और एक शिक्षकविहीन स्कूल में 560 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इस जोन के स्कूलों में कुल 1813 विद्यार्थी हैं। आदमपुर जोन के पांच एकल और एक शिक्षकविहीन स्कूल में 665 विद्यार्थी हैं। इसी जोन के छितनपुरा प्रा. विद्यालय में एक शिक्षामित्र के जिम्मे 82 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है।
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