कठिन हालात: बोर्ड की वेबसाइट पर एक पखवारे तक आए अंक, यूपी बोर्ड से खूब जारी हुए पत्र, प्रधानाचार्यो ने भेजी सूचनाएं
कठिन हालात: बोर्ड की वेबसाइट पर एक पखवारे तक आए अंक, यूपी बोर्ड से खूब जारी हुए पत्र, प्रधानाचार्यो ने भेजी सूचनाएं
प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने पहली बार संबद्ध कालेजों से वार्षिक व मासिक टेस्ट में मिले अंक मांगे। इसके लिए वेबसाइट खोली गई, प्रधानाचार्यो ने करीब एक पखवारे तक कक्षा नौ, 10, 11 और 12 की वार्षिक, प्रीबोर्ड आदि के अंक अपलोड किए। दरअसल बोर्ड के कालेजों में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्रओं को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाना है। कक्षा नौ व ग्यारह की प्रोन्नति स्कूल स्तर ही होनी है, इसलिए वे छात्र-छात्रएं चर्चा से बाहर हैं। सारी उठापटक हाईस्कूल व इंटर के परीक्षार्थियों को लेकर चल रही है।
विद्यार्थियों के अंक जुटाने के लिए इस बीच यूपी बोर्ड से दनादन पत्र जारी हुए और बेहद कम समय में वे सूचनाएं मांगी गईं, जो दे पाना बेहद कठिन रहा। फिर भी प्रधानाचार्यो ने जैसे-तैसे सूचनाएं भेजी। साथ ही पत्र में ऐसी परीक्षाओं का उल्लेख किया गया, जो शैक्षिक पंचांग तक में दर्ज नहीं थी। बोर्ड ने आश्वस्त किया कि प्रधानाचार्य छमाही की जगह मासिक टेस्ट के अंक भेज सकते हैं।
इससे कालेजों में प्रीबोर्ड न कराए जाने की भी पोल खुली। इसीलिए जिन अभ्यर्थियों के अंक कालेजों से नहीं मिल सके हैं, वे केवल प्रमोट होंगे। वहीं, व्यक्तिगत परीक्षार्थियों को भी पुराने अंकों के आधार पर प्रोन्नत किया जा रहा है। यानी वे जब हाईस्कूल व इंटर में परीक्षार्थी थे, तब नौवीं व ग्यारहवीं और प्रीबोर्ड भी परीक्षा दी होगी। उसी के अंक मांगे गए थे।
फामरूले उजागर, वेबसाइट बंद : यूपी बोर्ड ने अंक देने के लिए खोली गई वेबसाइट गुरुवार को उस समय यकायक बंद कर दी, जब उपमुख्यमंत्री ने परीक्षार्थियों को उत्तीर्ण करने का फामरूला सार्वजनिक किया। इसके बाद कालेज मनमाने तरीके से अंकों में फेरबदल न कर सकें, इसलिए वेबसाइट बंद कर दी गई है।
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