पंचायत चुनाव ड्यूटी: 2020 कार्मिकों ने कोरोना से गंवाई जान, शिक्षक व शिक्षामित्र सूची से सहमत नहीं-primary ka master
पंचायत चुनाव ड्यूटी: 2020 कार्मिकों ने कोरोना से गंवाई जान, शिक्षक व शिक्षामित्र सूची से सहमत नहीं-primary ka master
लखनऊ : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 2020 कार्मिकों ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जान गंवाई है। राज्य सरकार ने निर्वाचन ड्यूटी की तारीख से 30 दिन तक मृत होने वाले कार्मिकों के परिवारी जन को 30 लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की पात्रता तय की थी, इसीलिए हताहत कार्मिकों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है, क्योंकि 19 मई को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने केवल तीन शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत होना माना था। शासनने वेबसाइट पर कालकवलित कार्मिकों की सूची अपलोड कर दी है। अनुग्रह राशि के भुगतान के लिए अलग से आदेश जारी होगा। वहीं, कुछ प्रकरण राज्य एडवायजरी बोर्ड आफ कोविड को भेजे गए हैं, उनके भुगतान के संबंध में बाद में निर्देश दिए जाएंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग की निर्वाचन ड्यूटी अवधि कार्मिक के ड्यूटी पर आने व जाने की ही रही है। इसीलिए आयोग ने पहले सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत ड्यूटी के दौरान होना माना था। विरोध होने पर सरकार ने अनुकंपा के आधार पर अनुग्रह राशि देने की पात्रता में बदलाव किया। शासन ने एक जून को आदेश दिया था कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी लगाए गए कार्मिकों की कोविड-19 से मौत निर्वाचन ड्यूटी की तारीख से 30 दिन में हुई है तो उन्हें अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाए। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि शासनादेश के अनुपालन में 3092 आवेदनपत्र मिले थे।
शिक्षक व शिक्षामित्र सूची से सहमत नहीं
राज्य निर्वाचन आयोग की सूची से शिक्षक व शिक्षामित्र सहमत नहीं हैं। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा है कि सूची में 1071 बेसिक शिक्षा विभाग के कार्मिक हैं, जबकि उन्होंने 1621 मृत कार्मिकों की सूची दी थी। करीब 500 इसमें छूट गए हैं। सरकार से अनुरोध है कि उनके परिवारी जन को अनुग्रह राशि दी जाए। उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि सरकार तीस दिन का बंधन खत्म करके सभी मृत कार्मिकों के परिवारी जन को अनुग्रह राशि दिलाए। कई कर्मियों की मौत 30 दिन के बाद भी हुई है।
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