मिड डे मील बनाने वाले रसोइयों को क्यों नहीं दे रहे न्यूनतम वेतन - हाईकोर्ट
मिड डे मील बनाने वाले रसोइयों को क्यों नहीं दे रहे न्यूनतम वेतन - हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उप्र. व जिलाधिकारी आजमगढ़ से मिड डे मील योजना के तहत कार्यरत रसोइयों के मानदेय पर व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है, और पूछा है कि इन्हें समान कार्य समान वेतन के सिद्धांत के तहत न्यूनतम वेतन क्यों नहीं दिया जा सकता। याचिका की सुनवाई 19 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति नाहिद आरा मुनीस तथा न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खंडपीठ ने रसोइया संघ ब्लॉक अहरौला की तरफ से दाखिल याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि रसोइयों को प्रतिमाह एक हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है। इन्हें रसोइयों के न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाए। इससे पहले विशेष सचिव बेसिक ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि मानदेय बढ़ाकर दो हजार किया जा रहा है। इसपर कोर्ट ने पूछा कि न्यूनतम वेतन क्यों नहीं दिया जा सकता। और सरकारी अधिवक्ता बीपी सिंह कछवाहा से प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से रसोइयों के काम का समय और न्यूनतम वेतन देने के मामले में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
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