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परिषदीय स्कूलों में जांच करने पहुंचे अधिकारी को शिक्षकों ने बनाया बंधक, दो घंटे तक कमरे में किया बंद

 परिषदीय स्कूलों में जांच करने पहुंचे अधिकारी को शिक्षकों ने बनाया बंधक, दो घंटे तक कमरे में किया बंद

श्रावस्ती: स्कूल में जांच करने पहुंचे बीईओ को शिक्षकों ने बंधक बना लिया। शिक्षकों ने अधिकारी को करीब दो घंटे तक कमरे में बंद रखा इसके बाद छोड़ा गया। शिक्षकों का आराप है कि खुद को बीएसए बताकर बीईओ जांच के लिए आए थे और जांच के नाम पर रुपये मांग रहे थे। बीएसए कार्यालय में अटैच बीईओ कृष्ण कुमार राना सोमवार करीब 10 बजे विकास क्षेत्र गिलौला के प्राथमिक विद्यालय धुसवा में जांच करने पहुंचे थे। वे स्कूल पहुंचे और शिक्षक उपस्थिति पंजिका जांच के लिए मांगी। पंजिका के अनुसार विद्यालय में तैनात प्रधान शिक्षिका शीला कनौजिया अनुपस्थित मिलीं जबकि शिक्षिका मुक्ता देवी, सौम्या दूबे, सुधा देवी, शिक्षामित्र मीना मिश्रा व मैन देवी उपस्थित थीं।



बीईओ ने प्रधान शिक्षिका का नम्बर लिया और उन्हें फोन मिलाया तथा जानकारी ली। तो प्रधान शिक्षिका शीला ने कहा कि बारिश हो रही है रास्ते में हूं, स्कूल आ रही हूं। इसके कुछ देर बाद बीईओ ने कई बार फोन किया और हड़बड़ी में पति के साथ बाइक से आ रही शिक्षक धुसवा गांव के पहले सड़क के गड्ढे में फंसकर बाइक समेत गिर कर घायल हो गई। लेकिन इसके बाद भी घायल अवस्था में वह स्कूल पहुंच गई। स्कूल पहुंचते ही जांच करने पहुंचे बीईओ रजिस्टर लेकर चल दिये और कार्रवाई की बात कही। इस पर सभी शिक्षिकाएं आक्रोशित हो गईं और  बीईओ को बंधक बना लिया तथा एक कमरे में बंद कर दिया।

इसके बाद प्रधान शिक्षिका इलाज कराने बहराइच चली गईं। इलाज कराकर लौटी प्रधान शिक्षिका ने करीब दो घंटे के बाद बीईओ को कमरे से बाहर निकाला। शिक्षिका शीला कनौजिया ने बताया कि वह घर से समय से निकली थीं। लेकिन रास्ते में तेज बारिश होने लगी तो मजबूरन वह रास्ते में ही रुक गईं और बारिश के निकलने का इंतजार करने लगीं। तब तक इनका फोन आ गया। शिक्षिका का आरोप है कि जांच करने पहुंचे बीईओ खुद को बीएसए बता अनुपस्थित होने का हवाला देकर रुपये की मांग कर रहे थे।

बीएसए प्रभुराम चौहान का कहना है कि बीईओ कृष्ण कुमार राना कार्यालय में अटैच हैं सुबह वे गौशाला का निरीक्षण करने कार्यालय से निकले थे। लेकिन विद्यालय में जांच करने व बंधक बनाये जाने की जानकारी नहीं है और न ही संबंधित बीईओ या शिक्षकों ने उन्हें अभी इसकी जानकारी दी। यदि ऐसा है तो मामले की जांच कराई जाएगी।

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