सरकारी स्कूलों में भी होगी प्ले स्कूल जैसी पढ़ाई: पीएम नरेंद्र मोदी
सरकारी स्कूलों में भी होगी प्ले स्कूल जैसी पढ़ाई: पीएम नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नीति से जुड़ी 10 नई पहल लांच कीं। इनमें स्कूली बच्चों से जुड़ी पहल विद्या प्रवेश योजना भी है। इसके तहत सरकारी स्कूलों में भी अब प्ले स्कूलों जैसी पढ़ाई होगी। यानी पहली कक्षा में प्रवेश से पहले बच्चों को तीन महीने का एक खास कोर्स कराया जाएगा। इसमें उन्हें हंसते-खेलते हुए पहली कक्षा से पहले जरूरी अक्षर और संख्या ज्ञान दिया जाएगा।
मोदी ने नीति को तेजी से आगे बढ़ाने में जुटे लोगों का आभार जताया और कहा, ‘राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति बड़े फैक्टरों में से एक है, जिसमें भारत के भाग्य को बदलने का सामथ्र्य है। यही वजह है कि इसे दबाव से मुक्त रखा गया है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं की सोच के अनुरूप है। 21वीं सदी के युवाओं को एक्सपोजर चाहिए। वह शिक्षा के पुराने बंधनों और ¨पजरों से मुक्ती चाहता है। नीति उन्हें यह भरोसा दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके और उनके हौसलों के साथ है।’ प्रधानमंत्री ने इस मौके पर एकेडमिक क्रेडिट आफ बैंक स्कीम की भी शुरुआत की। इसमें कोई भी छात्र कभी भी बीच में पढ़ाई छोड़ सकता है और फिर शुरू कर सकता है। प्रधानमंत्री ने दिव्यांगजनों के लिए पहली से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई सांकेतिक भाषा में करने की भी शुरुआत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ’ फाइल फोटो
पीएम ने ये कीं प्रमुख पहल
’ निष्ठा 2.0 : प्राइमरी के साथ माध्यमिक स्तर के शिक्षकों को भी आधुनिक तरीके से पढ़ाई के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
’ सफल : सीबीएसई स्कूलों में तीसरी, पांचवीं और आठवीं में आकलन अब सीखने की क्षमता के आधार पर होगा। परीक्षा कांसेप्ट और थिंकिंग बेस होगी।
’ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) फार आल : इसके तहत सभी स्टेज पर छात्रों को अब कम से कम चार घंटे का एआइ का कोर्स करना होगा।
’ उच्च शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण : उच्च शिक्षा संस्थानों में विदेशी कोर्स भी शुरू होंगे। इसके तहत 150 संस्थानों ने अपने यहां विदेशी सेंटर खोले हैं।
’ नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर : आनलाइन पढ़ाई के विकास के साथ इस बात पर भी जोर है कि इसमें जो भी कंटेंट हो वह बेहतर हो।
’ नेशनल एजुकेशन टेक्नोलाजी फोरम : इसके जरिये सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को तकनीक मदद मुहैया कराई जाएगी।
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