वर्तमान और दो पूर्व बीएसए के निलंबन की संस्तुति, यह लगे आरोप
वर्तमान और दो पूर्व बीएसए के निलंबन की संस्तुति, यह लगे आरोप
शामली : बेसिक शिक्षा विभाग में कनिष्ठ शिक्षकों को वरिष्ठ बनाने के मामले में बड़ा खेल सामने आया है। मामले की जांच कर रहे एसडीएम ने दोषी मानते हुए वर्तमान बीएसए गीता वर्मा एवं दो पूर्व बीएसए के निलंबन की संस्तुति की है। लेखाधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।
साल 2017-18 में तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर ने प्राथमिक शिक्षकों को कनिष्ठ से वरिष्ठ पद पर प्रोन्नति दी थी। कई शिक्षकों ने इसकी शिकायत की थी। तत्कालीन डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने तीन सदस्यीय समिति से जांच कराई तो आरोप सही पाए गए।
साथ ही वरिष्ठ कोषाधिकारी ज्ञानेंद्र पांडेय ने लेखाधिकारी राजेंद्र कौशिक को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ पूरे प्रकरण की रिपोर्ट डीएम को दी, लेकिन लेखाधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई और जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई। शिकायतकर्ता अनुज राणा ने पिछले दिनों मामले की शिकायत कमिश्नर सहारनपुर से की थी। कमिश्नर के आदेश पर डीएम जसजीत कौर ने एसडीएम देवेंद्र सिंह को जांच सौंपी।
एसडीएम ने जांच के बाद बताया कि 23 शिक्षकों को कनिष्ठ से वरिष्ठ शिक्षक बनाने के गंभीर मामले को लंबित रखने के लिए तत्कालीन बीएसए चंद्रशेखर, बीएसए अनुराधा शर्मा व वर्तमान बीएसए गीता वर्मा को कार्रवाई न करने का दोषी पाते हुए तीनों के तत्काल निलंबन की संस्तुति की गई है। जांच में लेखाधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। एसडीएम ने जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। डीएम की ओर से कमिश्नर को बीएसए के खिलाफ रिपोर्ट भेजी जाएगी। एसडीएम देवेंद्र सिंह का कहना है कि 23 शिक्षकों को कनिष्ठ से वरिष्ठ बनाने के मामले में बीएसए की ओर से कार्रवाई न करने और लेखाधिकारी को न हटाने पर बीएसए शामली गीता वर्मा व दो पूर्व बीएसए चंद्रशेखर तथा अनुराधा के खिलाफ निलंबन की संस्तुति डीएम को भेज दी है।
’ कनिष्ठ से वरिष्ठ शिक्षक बनाने के मामले में हुआ खेल
’ लेखाधिकारी की भूमिका भी पाई गई है संदिग्ध
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