पहल:- बेटियों को फिर स्कूल ल वापस लाएंगे शिक्षक, ये होंगे प्रयास
पहल:- बेटियों को फिर स्कूल ल वापस लाएंगे शिक्षक, ये होंगे प्रयास
कोरोना की वजह से स्कूल छोड़ने वाली बालिकाएं फिर पढ़ेंगी। इन्हें स्कूल लाने की जिम्मेदारी परिषदीय स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को दी गयी है। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने शाला त्यागी अभियान शुरू किया है। शिक्षक शिक्षिकाएं इस पूरे मामले में बालिकाओं के माता पिता से बात करेंगे। उनको समझाएंगे कि वे अपनी बेटियों को वापस पढ़ने के लिए प्रेरित करें।
शिक्षक शिक्षिकाएं अभिभावकों की समस्याओं का निदान भी करेंगे। जो बालिकाएं अपने रिश्तेदारों के यहां चली गयी हैं फोन पर बात कर उन्हें वापस बुलवाएंगे। पांच से अधिक बालिकाओं को दोबारा दाखिला कराने वाले शिक्षक और शिक्षिकाओं को बेसिक शिक्षा विभाग सम्मानित भी करेगा।
प्रदेश में बड़ी संख्या में बालिकाओं ने स्कूल छोड़ दिया है। वे ऑनलाइन और किसी अन्य माध्यम से भी पढ़ाई नहीं कर रही हैं। बेसिक शिक्षा विभागको प्रदेश में बड़ी संख्या में छात्राओं के पढ़ाई छोड़ने की जानकारी मिली है। यह एक गंभीर समस्या है जिसके समाधान के लिए विभाग प्रयत्न कर रहा है।
इसी क्रम में इन बालिकाओं को दोबारा स्कूल में दाखिले के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से शाला त्यागी अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत सभी बालिकाओं को शत प्रतिशत दाखिला दिलाया जाएगा। जिससे उनकी छूटी हुई पढ़ाई फिर से शुरू हो सके।
इसके लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनन्द ने आदेश भी जारी कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक छोटी उम्र की बालिकाओं ने काफी संख्या में पढ़ाई छोड़ दी है। तय किया गया है कि कोई भी बालिका शिक्षा से वंचित नहीं रहेगी। उनके लिए श प्रतिशत शैक्षिक निरंतरता बनायी जाएगी। जो भी समस्याएं आड़े आ रही होंगी उनको तत्काल प्रभाव से दूर करने में भी विभाग मदद करेगा।
ये होंगे प्रयास
• पढ़ने की आयु वाली बालिकाओं का चिह्नांकन तथा उनका नामांकन किया जाएगा।
• सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों की जिम्मेदारी होगी कि वह गत वर्ष अध्ययनरत सभी बालिकाओं का अगली कक्षा में प्रवेश दिलाना सुनिश्चित करें।
6 वर्ष की सभी बालिकाओं का कक्षा एक में नामांकन किया जाएगा।
• जिन छात्राओं ने स्कूल छोड़े हैं, कक्षावार उनकी सूची तैयार होगी। इनके नाम विवरण तथा विद्यालय छोड़ने के कारण के संबंध में रजिस्टर तैयार होगा
• इनको दोबारा दाखिले के लिए इनके माता-पिता अभिभावक से शिक्षक बात करेंगे। बालिका के पक्ष को भी सुनेंगे।
पांच से अधिक छात्राओं को लाने वाले सम्मानित होंगे
पांच या उससे अधिक बालिकाओं की गंभीर समस्याओं को सुलझाने वाले और उनको दोबारा दाखिला दिलाने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए विभाग स्तर से उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। प्रधानाध्यापकों को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है। बताया जा रहा है कि ऐसा करने से लोग प्रेरित होंगे और बड़ी संख्या में बालिकाओं को पढ़ने के लिए। प्रेरित करेंगे।
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