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मृत शिक्षकों की दो- दो पत्नियां, किसे दें नौकरी:- जबकि यह होती है नियमावली

 मृत शिक्षकों की दो- दो पत्नियां, किसे दें नौकरी:- जबकि यह होती है नियमावली

कोरोना काल में मृत शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने में अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। प्राथमिक स्कूलों के दो शिक्षक ऐसे थे जिनकी दो दो पत्नियां है। उनकी मृत्यु के बाद दोनों पत्नियों ने नौकरी पाने के लिए दावा कर दिया है।


करछना में तैनात रहे एक शिक्षक की दो पत्नियों ने मृतक आश्रित लाभ के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया है।

● कोरोना काल में मृत दो शिक्षकों की दो-दो पालियों ने की दावेदारी

• मुश्किल में बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर किसे नौकरी दें असमंजस

• अध्यापक सेवा नियमावली में दो पत्नी होने पर नहीं मिलती नौकरी

• अप्रैल से अब तक बेसिक में 43 शिक्षकों कर्मचारियों का हुआ निधन


कोरांव के भी एक मृत शिक्षक की दो पत्नियां होने की बात पता चली है। हालांकि अभी किसी ने भी मृतक आश्रित लाभ के लिए आवेदन नहीं किया है। अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के अनुसार किसी अभ्यर्थी
की दो पत्नियां होने पर उसे शिक्षक की नौकरी नहीं मिलती। परिषदीय स्कूलों की किसी भी भर्ती की शर्तों में एक प्रमुख शर्त यह होती है कि
अभ्यर्थी की एक से अधिक शादी नहीं होनी चाहिए।


शिक्षामित्रों के मृतक आश्रितों को नहीं मिली नौकरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर चुनाव में ड्यूटी करने वाले और कोरोना से मृत शिक्षामित्र या रोजगार सेवक आदि के परिवार के सदस्य को उस पद पर समायोजित करने की बात कही थी। लेकिन आज तक इसका शासनादेश जारी नहीं हुआ। इसके चलते प्रयागराज में मृत पाच शिक्षामित्रों के आश्रित को नौकरी नहीं मिल सकी है।

लिपिक पद पर समायोजन की कब पूरी होगी आस के

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने मृतक आश्रितों की योग्यता के अनुसार शिक्षक, लिपिक या परिचारक के पद पर नियुक्ति की घोषणा की थी। प्रयागराज में मृत अधिकांश शिक्षकों के अति लिपिक के पद पर नियुक्ति की योग्यता रखते हैं लेकिन अधिसंख्य पदों पर नियुक्ति का शासनादेश नहीं आने के कारण उन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं हो पा रहा। मृत 43 शिक्षकों व कर्मचारियों में चार ने लिपिक पद पर नियुक्ति का अनुरोध किया है लेकिन जिले में लिपिक का एक भी पद खाली नहीं होने के कारण नियुक्ति पत्र जारी नहीं हो रहा।

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