परिषदीय 11,564 शिक्षकों को नहीं मिल रहा स्कूल, बीएसए दफ्तर से संबद्ध: मुख्यमंत्री 6696 के चयनितों को दे चुके नियुक्तिपत्र, विद्यालय नहीं मिला
परिषदीय 11,564 शिक्षकों को नहीं मिल रहा स्कूल, बीएसए दफ्तर से संबद्ध: मुख्यमंत्री 6696 के चयनितों को दे चुके नियुक्तिपत्र, विद्यालय नहीं मिला
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों को बुलाने की तैयारियां भले चल रही हैं लेकिन, उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों को विद्यालय नहीं मिल रहा। ऐसा भी नहीं है कि जिलों में शिक्षकों के पद खाली नहीं हैं, बल्कि विद्यालय पाने की प्रतीक्षा सूची में शामिल 11,564 शिक्षक रिक्त पदों के सापेक्ष ही चयनित हुए हैं या दूसरे जिले से स्थानांतरित होकर आए हैं। विभाग उनका आनलाइन स्कूल आवंटन नहीं करा रहा है इसलिए ये शिक्षक बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में संबद्ध हैं। उन्हें वेतन मिल रहा है लेकिन, उनकी जिम्मेदारी कोई नहीं है।
परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं के लिए सरकार भरपूर इंतजाम रही है। किताब, बैग, मिडडे-मील, ड्रेस, जूता-मोजा से लेकर स्वेटर तक मिल रहा है, वहीं पढ़ाने वालों का रिक्त पदों के सापेक्ष चयन भी हुआ है। कार्यरत शिक्षकों का जिलों में रिक्त पदों के आधार पर एक से दूसरे जिले में तबादला हुआ है उन्हें जैसे-तैसे स्कूल आवंटित हो गए हैं, लेकिन पारस्परिक अंतर जिला तबादले का लाभ पाने वाले शिक्षक पांच माह से स्कूल मिलने की राह देख रहे हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग ने 17 फरवरी को 2434 पारस्परिक अंतर जिला तबादला किया। 4868 शिक्षकों को एक से दूसरे मनचाहे जिले में भेजे जाने की सूची वेबसाइट पर घोषित हुई। उनमें प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक 2068 (पुरुष 1390 व महिला 678) व सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय 366 (पुरुष 301 व महिला 65) शामिल थे। शिक्षकों ने मार्च माह में ही संबंधित जिलों में कार्यभार ग्रहण कर लिया, उन्हें अब तक विद्यालय आवंटित नहीं किया गया है। शिक्षक बीएसए कार्यालय में हाजिरी लगाने को मजबूर हैं। उनमें से कई ऐसे भी शिक्षक हैं, जो जिला मुख्यालय से दूर किसी तरह रह रहे हैं। उन्हें इंतजार है कि स्कूल मिले तो आसपास निवास बनाएं। विभाग लगातार टालमटोल कर रहा है। 69000 शिक्षक भर्ती के तीसरे चरण में प्रदेश में 6696 शिक्षकों का चयन किया गया, मुख्यमंत्री ने 23 जुलाई को लोकभवन में व जिलों में जनप्रतिनिधियों ने नियुक्तिपत्र बांटा्, ये शिक्षक भी स्कूल मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
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