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सरकारी फरमान के बाद भी 29 मृतक आश्रितों को नहीं मिली राहत

 सरकारी फरमान के बाद भी 29 मृतक आश्रितों को नहीं मिली राहत

बलिया। सरकार के कथनी और करनी में कितना अंतर है, इस बात का अंदाजा से लगाया जा सकता है कि शासन ने 30 मृतक आश्रितों को नौकरी देने का वादा करके सिर्फ एक को ही रोजगारपरक बनाया। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ बलिया इकाई की। संयोजक जितेंद्र सिंह गुरुवार को इसी सिलसिले में सि मजिस्ट्रेट से मिले तथा मुख्यमंत्री योगी को संबोधित ज्ञापन सौंपा। देश में फैली कोरोना महामारी


के दौरान लाखों जानें गई। जिसमें बलिया के 30 शिक्षक भी शामिल है । इन शिक्षकों का परिवार आज भुखमरी के कगार पर है। लेकिन इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। आलम यह है कि 30 पीड़ित परिवार में मात्र एक को ही थोड़ी राहत मिल पाई है। जबकि अन्य लोग मृतक आश्रित के रूप में नौकरी, जीपीएफ फंड, पेंशन आदि सुविधाओं के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। विभागीय अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे हुए हैं। पीड़ित परिवारों के दर्द को जानने व समझने के बाद प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने इनकी लड़ाई लडने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने गुरुवार को इसी सिलसिले में सिट मजिस्ट्रेट से मिले और मांग किया कि कोविड-19 के कारण मृत परिषदीय अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों के पाल्यों की नियुक्ति मृत 30 के सापेक्ष जनपद बलिया में मात्र एक ही की गई है । बीएसए के शिथिलता के कारण संबंधित परिवार भूखमरी के शिकार हो रहे हैं। जबकि शासन से स्पष्ट निर्देश आदेश है कि ऐसे मामलों में कदापि शिथिलता न बरती जाए

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